महामारी के बाद से पांच चुनावी राज्यों में विकास का बड़ा झटका लगा है। हांलाकि राजस्थान अकेला ऐसा प्रदेश है, जहां पर विकास दर में मामूली सा सुधार हुआ है। लेकिन जब राजस्थान की तुलना अन्य राज्यों से की जाए, तो यह अच्छी नहीं है। एक सर्वे के आधार पर राजस्थान में विकास दर 2018-19 के बाद से 4-6 प्रतिशत के बीच थी। वहीं साल 2018-19 से पहले विकास दर 5-10 प्रतिशत के बीच थी। लेकिन इस दौरान भारत की विकास दर 7.4 से गिरकर 3.4 प्रतिशत हो गई है।
हांलाकि इसी बीच विधानसभा चुनाव के बीच सीएम अशोक गहलोत का कहना है कि उनकी सरकार ने कुशल वित्तीय प्रबंधन कर जनकल्याण की योजनाओं से हर व्यक्ति को लाभ पहुंचाने का काम किया है। ऐसे में राजस्थान को देश के अग्रणी राज्यों में लाने के गहलोत सरकार ने 'मिशन 2030' का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके लिए सीएम अशोक गहलोत ने बताया कि मिशन 2030 की मुहिम चलाकर अर्थशास्त्रियों, लेखकों, अधिवक्ताओं, किसानों, मजदूरों, महिलाओं, पत्रकारों, विद्यार्थियों, सरकारी कर्मचारियों, युवाओं, बुद्धिजीवियों, खिलाड़ियों सहित 1 करोड़ प्रदेशवासियों से सुझाव लिए जाएंगे।
राजस्थान की गहलोत सरकार इन लोगों को समाहित कर मिशन 2030 का विजन डॉक्यूमेंट जारी करेगी। सीएम गहलोत ने दावा किया कि साल 2018-19 में राजस्थान की अर्थव्यवस्था करीब 9 लाख 11 हजार करोड़ रुपए थी। वहीं अब राज्य की अर्थव्यवस्था बढ़कर 14.14 लाख करोड़ रुपए के करीब है। सीएम गहलोत ने कहा कि साल 2030 तक ढाई गुना बढ़ाकर 35.71 लाख करोड़ रुपए ले जाने का हमारा लक्ष्य है। इस तरह से हर राजस्थानी साल 2030 तक प्रगति की गति को 10 गुना बढ़ाकर हर क्षेत्र में देश का प्रथम राज्य बनने में महत्वपूर्ण योगदान निभाएंगे।