हरियाणा की अंबाला लोकसभा सीट पर छठवें चरण के तहत 25 मई को मतदान होना है। अंबाला लोकसभा क्षेत्र अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। वहीं इस सीट पर मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच देखने को मिलता है। इस बार भी राज्य के इस निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा की बंतो कटारिया और कांग्रेस के वरुण चौधरी के बीच है। वहीं जजपा की डॉ. किरण चौधरी, इनेलो के गुरप्रीत सिंह और बसपा के पवन मुकाबले में नजर नहीं आ रहे हैं। बता दें कि यहां पर हार-जीत का फैसला गैर जाट मतदाता करते हैं।
भाजपा प्रत्याशी बंतो कटारिया
भारतीय जनता पार्टी ने इस बार अंबाला लोकसभा सीट से दिवंगत सासंद रतन लाल कटारिया की पत्नी बंतो कटारिया को चुनावी मैदान में उतारा है। बता दें कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव में इस सीट से सांसद रतन लाल कटारिया ने 7,46,508 मतों के साथ 57.06 फीसदी वोट मिले थे। कटारिया इस सीट से तीन बार सांसद रह चुके हैं। ऐसे में अब पार्टी ने उनकी पत्नी को टिकट दिया है। पार्टी को उम्मीद को दिवंगत सासंद रतन लाल कटारिया की पत्नी को जनता का भरपूर समर्थन मिलेगा। वहीं बंतो कटारिया का कहना है कि उनके पति ने लंबे समय तक इस क्षेत्र की सेवा की है। ऐसे में अब वह अपने पति के इस काम को आगे बढ़ाएंगी।
कांग्रेस प्रत्याशी वरुण चौधरी
वहीं कांग्रेस ने हरियाणा की अंबाला लोकसभा सीट से पूर्व कैबिनेट मंत्री फूलचंद मुलाना के बेटे और मुलाना से मौजूद विधायक वरुण चौधरी पर दांव खेला है। बता दें कि यदि वरुण चौधरी इस सीट से जीत हासिल करते हैं, तो उनके पास अपने पिता की हार का बदला लेने का मौका मिलेगा। वहीं सबसे खास बात यह है कि वरुण की इस जीत से कांग्रेस की खोई हुई धमक को दोबारा लौटाने का काम करेंगे। क्योंकि किसी समय में इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा हुआ करता था। लेकिन मोदी लहर ने कांग्रेस को यहां से पीछे कर दिया।