आंध्र प्रदेश के CM जगन मोहन रेड्डी को राजधानी मामले में सुप्रीम कोर्ट से मिला झटका, जानें क्या है पूरा मामला

LSChunav     Mar 29, 2023
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आंध्र प्रदेश के CM जगन मोहन रेड्डी को राजधानी मामले में सुप्रीम कोर्ट से मिला झटका, जानें क्या है पूरा मामला

आंध्र प्रदेश के सीएम जगन मोहन रेड्डी को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। बता दें कि अमरावती को राजधानी के तौर पर विकसित करने के मामले में कोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाई है।

सुप्रीम कोर्ट से आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी को एक बड़ा झटका लगा है। बता दें कि यह मामला अमरावती को राजधानी के तौर पर विकसित किए जाने का है। पिछले साल मार्च महीने में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने के अनुरोध को स्वीकार नहीं किया था। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश देते हुए कहा था कि अमरावती को 6 माह के भीतर राजधानी के रूप में तैयार किया जाए। अब न्यायमूर्ति केएम जोसेफ और न्यायमूर्ति बीवी नागरत्न की बेंच 11 जुलाई को इस मामले से जुड़े अन्य अनुरोधों और याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।


पीएम मोदी ने किया था शिलान्यास

राज्य विधानसभा में सीएम जगन मोहन रेड्डी ने घोषणा की थी कि वह जुलाई महीने से विशाखापट्टनम शिफ्ट होने के साथ ही वहीं से राज-काज देखेंगे। बता दें कि साल 2014 में जब तेलंगाना आंध्र प्रदेश से हो गया था। तब 10 साल के भीतर आंध्रप्रदेश को नई राजधानी बनाने के आदेश दिए गए थे। वहीं इन 10 सालों तक आंध्र प्रदेश और तेलंगाना दोनों ही हैदराबाद राज्य को राजधानी के तौर पर उपयोग करने वाले थे। उस दौरान वर्तमान सीएम रहे चंद्रबाबू नायडू ने अमरावती में एक विश्व स्तरीय ग्रीनफील्ड राजधानी निर्माण का फैसला लिया था। जिसका पीएम मोदी ने शिलान्यास किया था।


3 राजधानियों की घोषणा

अमरावती को राजधानी के रूप में तैयार करने के लिए हजारों एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया था। वहीं नई राजधानी के निर्माण कार्य के साथ बड़ी योजनाएं भी बनाकर तैयार की गईं थी। लेकिन साल 2019 में जगन मोहन रेड्डी के सीएम बनने के बाद उनकी सरकार ने भूमि अधिग्रहण में बड़े रियल एस्टेट घोटाले का आरोप लगाया था। इसके अलावा अमरावती में नई राजधानी की योजना बनाने के साथ ही एपी कैपिटल रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी को खत्म कर दिया। फिर विकेंद्रीकरण की घोषणा करते हुए रेड्डी ने एक नया कानून पारित किया। जिसमें राज्य की तीन राजधानियां होने की घोषणा की गई।


कोर्ट ने किसानों के पक्ष में दिया फैसला

इनमें अमरावती में एक विधायी राजधानी, कुरनूल में एक न्यायिक राजधानी और विजाग में एक कार्यकारी राजधानी बनाए जाने की घोषणा की थी। हालांकि कानूनी मुसीबत के बाद सरकार ने विकेंद्रीकरण बिल वापस ले लिया और एपीसीआरडीए को नवंबर में रद्द कर दिया। वहीं मार्च 2022 में आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने किसानों के पक्ष में फैसला सुनाया था। इस फैसले में 6 महीने के अंदर राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण अधिनियम को सौंपे गए मास्टर प्लान के तहत अमरावती में राजधानी बनाने के लिए कहा गया। इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया था।


राज्य सरकार को मिला झटका

वहीं सुप्रीम कोर्ट से भी राज्य सरकार को झटका लगा है। किसानों द्वारा दायर कई याचिकाओं के जवाब में अदालत का फैसला आया है। अमरावती में एक भव्य राजधानी विकसित करने के लिए किसानों ने अचंद्रबाबू नायडू सरकार द्वारा पारित सीआरडीए अधिनियम को रद्द किए जाने की चुनौती दी थी। जिसके लिए किसानों ने जमीन दी थी। कोर्ट ने आंध्र प्रदेश सीआरडीए अधिनियम को निरस्त करने और विकेंद्रीकरण अधिनियम को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना अंतिम फैसला दिया था। यह फैसला मुख्य न्यायाधीश प्रशांत कुमार मिश्रा की अध्यक्षता वाली उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने सुनाया।