UP Lok Sabha Election 2024: UP की सियासत में बड़ा उलटफेर, अखिलेश और राहुल की जोड़ी NDA को दे रही कड़ी टक्कर

अनन्या मिश्रा     Jun 04, 2024
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UP Lok Sabha Election 2024: UP की सियासत में बड़ा उलटफेर, अखिलेश और राहुल की जोड़ी NDA को दे रही कड़ी टक्कर

वोटों की गिनती के साथ ही NDA और INDIA गठबंधन में जबरदस्त टक्कर देखने को मिल रहा है। उत्तर प्रदेश में बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए गठबंधन के सामने सपा-कांग्रेस गठबंधन कड़ी चुनौती पेश कर रहा है।

लोकसभा चुनाव 2024 के चुनाव संपन्न होने के बाद अब वोटों की गिनती की जा रही है। इस दौरान NDA और INDIA गठबंधन में जबरदस्त टक्कर देखने को मिल रहा है। वहीं देश की राजनीति में उत्तर प्रदेश की सियासत काफी अहम स्थान रखती है। बता दें कि यूपी में एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच कांटे की टक्कर चल रही है। उत्तर प्रदेश में बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए गठबंधन के सामने सपा-कांग्रेस गठबंधन कड़ी चुनौती पेश कर रहा है। 


अब तक आए रुझानों में यूपी की 80 लोकसभा सीटों में सपा 36, भाजपा 32 और कांग्रेस 6 सीटों पर आगे चल रही है। ऐसे में सपा और कांग्रेस की सीटों को जोड़ने पर यह संख्या भाजपा को मिलने वाली सीटों की संख्या से ज्यादा है। इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि अखिलेश और राहुल की जोड़ी यूपी में कमाल कर रही है। यूपी में इंडिया गठबंधन कमाल का प्रदर्शन कर रहा है। हालांकि चुनाव प्रचार के दौरान अखिलेश यादव बार-बार यह दावा कर रहे थे कि वह यूपी की अधिक सीटों पर जीत हासिल करेंगे। ऐसे में रुझानों को देखते हुए कहा जा सकता है कि अखिलेश अपने दावों को सच करते दिखा रहे हैं।


वहीं जब 04 जून को वोटों की गिनती शुरू हुई तो एक समय पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी वाराणसी सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी अजय राय से पीछे चल रहे थे। हालांकि अब पीएम मोदी अपनी बढ़त बनाए हुए हैं। रुझानों में उत्तर प्रदेश में बड़ा सियासी उलटफेर देखने को मिल रहा है। वहीं आजमगढ़, अमेठी, गाजीपुर और फैजाबाद जैसी सीटों से एनडीए के उम्मीदवार इंडिया गठबंधन के उम्मीदवारों से पीछे चल रहे हैं।


आपको बता दें समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश ने लोकसभा चुनाव 2024 में कई सीटों पर प्रत्याशी बदले थे। उनके इस फैसले पर कई सवाल भी उठाए गए। लेकिन अब यह कहा जा सकता है कि अखिलेश ने प्रत्याशी चुनने में काफी सतर्कता और होशियारी दिखाई है। अखिलेश ने परिवार के चार प्रत्याशियों के अलावा यादव समाज से किसी बाहरी को प्रत्याशी नहीं बनाया। उन्होंने ओबीसी नेताओं को टिकट देकर चुनाव को अलग और दिलचस्प मोड़ देने की कोशिश की। ऐसे में अखिलेश का यह दांव सफल होता नजर आ रहा है।


पहले भी किया था गठबंधन

इससे पहले साल 2017 में यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान अखिलेश और राहुल ने गठबंधन के तहत चुनाव लड़ा था। लेकिन तब यह गठबंधन कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाया था। वहीं साल 2019 के चुनाव में अखिलेश और मायावती गठबंधन के साथ चुनाव में उतरे, लेकिन यह गठबंधन भी फेल साबित हुआ। ऐसे में एक बार फिर साल 2024 के लोकसभा चुनाव में सपा और कांग्रेस एक साथ चुनावी मैदान में उतरी है। हालांकि भाजपा लगातार यह दावा कर रही थी कि यूपी की जनता इन दोनों लड़कों की जोड़ी को सिरे से नकार देगी। लेकिन फिलहाल ऐसा होता नजर नहीं आ रहा है।