Bihar GDP: बिहार की अर्थव्यवस्था ने एक बार फिर पकड़ी रफ्तार, सालाना आय मामले में तीसरे नंबर पर राज्य

LSChunav     Dec 01, 2023
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Bihar GDP: बिहार की अर्थव्यवस्था ने एक बार फिर पकड़ी रफ्तार, सालाना आय मामले में तीसरे नंबर पर राज्य

भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक में बिहार राज्य की वित्त लेखा परीक्षा रिपोर्ट जारी कर दी गई है। कोरोना महामारी के बाद राज्य की अर्थव्यवस्था में काफी सुधार हुआ है। रिकवरी के मामले में बिहार की अर्थव्यवस्था शीर्ष 10 राज्यों में तीसरे स्थान पर रही है।

भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक में बिहार राज्य की वित्त लेखा परीक्षा रिपोर्ट जारी कर दी गई है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि राज्य नें साल 2021-22 में उच्चतम सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) 15.05% दर्ज किया है। बिहार विधानसभा में जारी की गई सीएजी रिपोर्ट में बताया गया है कि कोरोना महामारी के बाद राज्य की अर्थव्यवस्था में काफी सुधार हुआ है। रिकवरी के मामले में बिहार की अर्थव्यवस्था शीर्ष 10 राज्यों में तीसरे स्थान पर रही है।


बिहार के वित्त पर सीएजी की रिपोर्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक वित्त वर्ष 2020-21 की तुलना में 2021-22 के दौरान 30,630 करोड़ की राजस्व में वृद्धि देखी गई है। ऐसा मुख्य रूप से राज्य टैक्स और केंद्रीय करों की हिस्सेदारी में वृ्द्धि की वजह से हुआ है। जीएसडीपी विकास दर पर, सीएजी रिपोर्ट में बताया गया है कि देश की जीडीपी पिछले साल की तुलना में 2020-21 में (-)1.36% दर्ज की गई थी। वहीं महामारी के वर्ष 2020-21 में राज्य की जीएसडीपी की वृ्द्धि दर 0.80 प्रतिशत दर्ज की गई। 


वहीं साल 2017-18 से 2021-22 तक पिछले 5 सालों में बिहार की जीडीपी सबसे अधिक रही है। सीएजी रिपोर्ट के मुताबिक साल 2021-22 के लिए GSDP के प्रतिशत के तौर पर राज्य का राजकोषीय घाटा बीएफआरबीएम के संशोधित लक्ष्य के अंदर था। लेकिन अनुमान के हिसाब से यह बजट नहीं था। राज्य सरकार को सीएजी ने बकाया अमूर्त आकस्मिक (एसी) बिल और उपयोगिता प्रमाणपत्र (यूसी) पर चेतावनी दी है। 


जारी रिपोर्ट के अनुसार, 31 मार्च, 2022 तक राज्य में ₹7,629.79 के कुल 25,928 एसी बिल बकाया थे। ऐसे में सीएजी ने इस पर भी जोर दिया है कि मार्च 2022 के आखिरी में पर्सनल डिपोजिट अकाउंट में ₹4,041 करोड़ की राशि है।