जयपुर में मस्जिद के बाहर अतिक्रमण हटाने पर बवाल, पुलिस पर पथराव में 6 जवान घायल; 10 पत्थरबाज गिरफ्तार

दिव्यांशी भदौरिया     Dec 26, 2025
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जयपुर में मस्जिद के बाहर अतिक्रमण हटाने पर बवाल, पुलिस पर पथराव में 6 जवान घायल; 10 पत्थरबाज गिरफ्तार

जयपुर के चौमू में मस्जिद के बाहर अतिक्रमण हटाने के दौरान पथराव की घटना में 6 पुलिसकर्मी घायल हुए, प्रशासन ने 10 पत्थरबाजों को गिरफ्तार कर इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से बंद कर दी हैं।

इस समय राजस्थान की राजधानी जयपुर के चौमू में अचानक हिंसा भड़क उठी। यहां मस्जिद के पास पड़े पत्थरों के उठाने को लेकर दो समुदायों के बीच बवाल मच गया है। जयपुर के पश्चिम डीसीपी हनुमान प्रसाद मीना ने बताया कि "यहां एक कलंदरी मस्जिद है, जहां अतिक्रमण को लेकर काफी समय से विवाद चल रहा था। इस बीच, एक पक्ष ने स्वेच्छा से अतिक्रमण हटा लिया, लेकिन कुछ लोगों ने लोहे के कोण लगाकर इसे स्थायी रुप से फिर से स्थापित करने की कोशिश की। जब हम इन ढांचों के हचा रहे थे, तभी कुछ लोगों ने पुलिस पर पत्थर फेंके। हम इसमें शामिल सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। अभी इलाके में शांति हैं।"

पुलिस वालों के सिर फूटे

जयपुर के चौमू इलाके में पुलिस समय पर पहुंचकर मामले को शांत कराने की कोशिश की, लेकिन इस विवाद ने इतना विकराल रुप ले लिया कि भीड़ ने पुलिस पर ही पत्थरबाजी शुरू कर दी। इस घटना में छह पुलिस वालों के सिर फूटे हैं।

पत्थरबाज को गिरफ्तार कर दिया

चौमू में इस समय भारी पुलिस बल तैनात किया गया है और स्थिति कंट्रोल में आ चुकी है। पुलिस ने इस मामले में 10 पत्थरबाजी को पकड़ लिया है।

चौमू में भड़की हिंसा

आपको बता दें कि, जयपुर से 40 किलोमीटर दूर चौमू में बस स्टैंड के पास एक मस्जिद के बाहर पड़े पत्थरों को हटाने को लेकर विवाद हो गया। यह घटना 25 से 26 दिसंबर की रात 3 बजे की हैं, जिसके वजह से आधी रात में चौमू में तनाव फैल गया। स्थिति को काबू करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ेगा। इस घटना के समय वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। इसके अलावा, यहां पर 26 दिसंबर की सुबह 7:00 बजे से 27 दिसंबर की सुबह 7:00 बजे तक इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रुप से बंद कर दी गई है।

क्या है पूरा मामला है

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, धार्मिक स्थल के समीप लगभग 45 वर्षों से सड़क के किनारे पत्थर रखे हुए थे। चौमू क्षेत्र में यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के उद्देश्य से जब इन पत्थरों को हटाने की प्रक्रिया शुरू की गई, तो इसके बाद इलाके में तनाव का माहौल बन गया। प्रशासन ने घटना से जुड़े समुदाय के प्रतिनिधियों से संवाद किया था और आपसी सहमति बनने के बाद ही पत्थरों को हटाने का कार्य प्रारंभ किया गया। बता दें कि, चौमू के इस इलाके में पत्थर हटाने का काम भी पूरा हो गया था। लेकिन जैसे ही यहां रेलिंग लगाने का काम शुरु किया गया, तो कुछ लोगों ने इस पर आपत्ति जताई और विरोध करना शुरु कर दिया। जिसके बाद लोगों ने विरोध का हिंसा का रूप ले लिया।