कोरोना के बढ़ते प्रसार के बाद भी नहीं रुकेगा UP में चुनाव प्रचार, वर्चुअल रैली और वेबिनार के माध्यम से होगी मन की बात
यूपी में विभिन्न राजनीतिक दल आगामी विधानसभा चुनावों के लिए डिजिटल अभियान शुरू करने के लिए अपना आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत कर रहे हैं। हाल ही में चुनाव आयोग ने यह स्पष्ट किया था कि चुनाव कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए तय समय पर होंगे।
देशभर में एक बार फिर से कोविड के मामलों में वृद्धि देखी जा सकती है। ऐसे में यूपी में विभिन्न राजनीतिक दल आगामी विधानसभा चुनावों के लिए डिजिटल अभियान शुरू करने के लिए अपना आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत कर रहे हैं। हाल ही में चुनाव आयोग ने यह स्पष्ट किया था कि चुनाव कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए तय समय पर होंगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी लखनऊ में वरिष्ठ भाजपा नेताओं के साथ बैठक में पार्टी के अभियानों में डिजिटल गियर का उपयोग बढ़ाने का निर्देश दिया था, क्योंकि बढ़ते कोविड मामलों के कारण जल्द ही इसकी आवश्यकता हो सकती है।
यूपी भाजपा के आईटी कोऑर्डिनेटर कामेश्वर नाथ मिश्रा ने ईटी के हवाले से कहा, 'हम अभी लॉकडाउन की बात नहीं कर रहे हैं, लेकिन हमें वर्चुअल रैलियां और डिजिटल मीटिंग आयोजित करने के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया गया है। कोविड अवधि के दौरान, हम सेवा ही संगठन कार्यक्रम के लिए अपने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ नियमित रूप से संपर्क में थे और यहां तक कि हमारे बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को उनके फोन पर वीडियो कॉन्फ्रेंस में शामिल होने के लिए प्रशिक्षित किया गया था।”
कामेश्वर मिश्रा ने आगे कहा कि यूपी के 62 जिला भाजपा कार्यालय अब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सिस्टम से लैस हैं और इसके लिए आगरा और कानपुर कार्यालयों में भी काम पूरा हो रहा है।
गौरतलब है कि यूपी भाजपा के फेसबुक पेज के 4।9 मिलियन फॉलोअर्स हैं और पार्टी महत्वपूर्ण नेताओं की सभी रैलियों को लाइव स्ट्रीम करती है। पार्टी ने बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान भी इस तकनीक का इस्तेमाल किया था।
वहीं, फेसबुक पर 32 लाख फॉलोअर्स के साथ समाजवादी पार्टी भी अपना इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर रही है। सपा प्रवक्ता राजीव राय ने ईटी को बताया, "फिलहाल हम अपने समर्थकों तक पहुंचने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रहे हैं। अखिलेश यादव जी की सभी सभाएं और भाषण सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक साथ लाइव होते हैं। अगर स्थिति की मांग है, तो हम वर्चुअल हो जाएंगे। हमने पहले ही कोविड महामारी के दौरान इसका परीक्षण किया है और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर कई बैठकें की हैं।"
कांग्रेस ने चुनाव आयोग से कोविड की बढ़ती संख्या के मद्देनजर बड़ी रैलियों पर प्रतिबंध लगाने और छोटी डोर टू डोर मीटिंग, नुक्कड़ सभा और वर्चुअल मीटिंग की अनुमति देने की मांग की है। कांग्रेस अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को बूथ स्तर तक व्हाट्सएप के जरिए मैप कर रही है। इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' के माध्यम से आयोजित होने वाली महिला मैराथन को भी स्थगित कर दिया है।