Tamil Nadu में सेंध लगाने के लिए BJP ने लिया 'साष्टांग और सेंगोल' का सहारा, जानिए क्यों पीएम मोदी ने दोहराया 9 साल पुराना दिन

LSChunav     May 30, 2023
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Tamil Nadu में सेंध लगाने के लिए BJP ने लिया साष्टांग और सेंगोल का सहारा, जानिए क्यों पीएम मोदी ने दोहराया 9 साल पुराना दिन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर संसद भवन में 'साष्टांग प्रणाम' कर 9 साल पुराना दिन दोहराया है। ऐसे में माना जा रहा है कि पीएम मोदी ने 'साष्टांग और सेंगोल' से एक बार फिर सियासत साधने की कोशिश की है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नौ साल पहले की तरह एक बार फिर संसद भवन में 'साष्टांग प्रणाम' करते हुए 'संगोल' को स्थापित किया। इस दौरान कई प्रमुख विपक्षी पार्टियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं कराई। जिसके बाद सियासी गलियारों में चर्चा है कि पीएम मोदी ने 'साष्टांग और सेंगोल' से न सिर्फ सियासत को साधने का प्रयास किया है। बल्कि एक बार फिर से राज्य में भाजपा की पैठ बनाने की कोशिश शुरू कर दी है। 


मोदी ने एक बार फिर से नौ साल पहले की तरह ही संसद भवन में "साष्टांग प्रणाम" किया और "संगोल" को स्थापित किया। संसद के उद्घाटन के दौरान देश की कई प्रमुख विपक्षी पार्टियों की उपस्थिति न होने के बाद भी सियासी गलियारों में चर्चाएं इस बात की हो रही हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने "साष्टांग और सेंगोल" से न सिर्फ सियासत को साधा है बल्कि तमिलनाडु से एक बार फिर से धीरे-धीरे ही सही भाजपा ने एक पैठ बनाने की बड़ी कोशिश शुरू कर दी है। 


9 साल पुराना दिन फिर दोहराया

बता दें कि साल 2014 में जब पीएम मोदी ने पहली बार पीएम पद के लिए सफथ ली थी तो उन्होंने संसद भवन के अंदर जाने से पहले साष्टांग प्रणाम किया था। जिसके बाद से पीएम मोदी ने देश में भाजपा की सरकार बनानी शुरूकर दी थी। ऐसे में एक बार फिर पीएम मोदी द्वारा सांष्टांग प्रणाम कर पीएम मोदी तमिलनाडु समेत अन्य राज्यों में भगवा लहराने की कोशिश करेंगे। पहली बार जब पीएम मोदी ने सांष्टांग प्रणाम कर संसद में प्रवेश लिया था। तब धीरे-धीरे देश के अन्य राज्यों में पार्टी का दबदबा बढ़ता चला गया था।


पीएम मोदी ने देश के लोकतंत्र के इस पवित्र मंदिर में साष्टांग प्रणाम देश में रहने वाली करोड़ों जनता को नमम किया है। इस दौरान पीएम मोदी ने सेंगोल को नमन करते हुए जनता के हितों को ध्यान में रखकर काम करने का प्रण लिया है। देश की नई बनी संसद की भव्यता और विशेषताओं की जोर-शोर से चर्चा हो रही है। लेकिन उससे भी ज्यादा चर्चा सेंगोल की हो रही है। बता दें कि करीब ढाईं हजार साल पहले चोल वंश के राजाओं के सत्ता हस्तांतरण के दौर में सेंगोल दिया जाता था।


दक्षिण भारत में पैठ बनाने की कोशिश

दक्षिण भारत में उत्तर और उत्तर-पूर्व की तरह बीजेपी अभी मजबूत नहीं बन पाआ है। ऐसे में तमिलनाडु से आए धर्माचार्य और संसद में राजदंड को स्थापित कर भाजपा तमिलनाडु की राजनीति और जनता को अपने पक्ष में करना चाहती है। वहीं संसद में राजदंड स्थापित किए जाने को लेकर काफी घमासान मचा हुआ है। इसे लेकर कांग्रेस लगातार भाजपा का विरोध करती आई है। बता दें कि दक्षिण भारत के 5 राज्यों की 129 लोकसभा सीट पर बीजेपी के सिर्फ 29 सांसद हैं। वहीं कर्नाटक में सिर्फ 25 सांसद हैं, हाल ही में कर्नाटक में बीजेपी सत्ता गंवा चुकी है।