J&K: प्राइवेट स्कूलों पर सरकार ने जारी की एडवाइजरी, पैरेंट्स पर बनाया ऐसा दबाव तो रद्द हो सकती है स्कूल की मान्यता

LSChunav     Apr 08, 2023
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J&K: प्राइवेट स्कूलों पर सरकार ने जारी की एडवाइजरी, पैरेंट्स पर बनाया ऐसा दबाव तो रद्द हो सकती है स्कूल की मान्यता

जम्मू-कश्मीर सरकार ने प्राइवेट स्कूलों की शिकायत मिलने पर एक नई एडवाइजरी जारी की है। इस जारी एडवाइजरी में प्राइवेट स्कूल पैरेंट्स को किसी विशेष दुकान से कॉपी-किताब या यूनिफॉर्म आदि खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकते।

जम्मू-कश्मीर सरकार ने प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के माता-पिता को बड़ी राहत दी है। सरकार ने मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों को निर्देश देते हुए कहा है कि वह छात्रों के पैरेंट्स को किसी खास दुकान से किताबें, स्टेशनरी और स्कूल के यूनिफॉर्म खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकते हैं। इसके अलावा सरकार ने प्राइवेट स्कूलों को यह भी निर्देश दिया है कि प्राइवेट स्कूलों द्वारा शुल्क निर्धारण और विनियमन समिति द्वारा अनुमोदित के अलावा कोई अन्य शुल्क नहीं लिया जाएगा।


पैरेंट्स पर पड़ता है आर्थिक बोझ

दरअसल, प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ शिकायत मिलने के बाद स्कूल शिक्षा जम्मू के निदेशक रविशंकर ने एक सर्कुलर जारी किया है। जिसमें पैरेंट्स को एक विशेष दुकान से कॉपी-किताब, स्कूल ड्रेस आदि लेने का दबाव बनाया जाता है। सर्कुलर में बताया गया कि इस तरह का दबाव बनाए जाने से पैरेंट्स पर आर्थिक बोझ पड़ता है। ऐसे में छात्रों की पढ़ाई के लिए पैरेंट्स को ऐसी किताबें आदि लेनी पड़ती हैं, जो बोर्ड द्वारा निर्धारित नहीं होती है।


रविशंकर ने कहा कि यह प्रथा  सरकार द्वारा जारी नैतिक दिशानिर्देशों के खिलाफ हैं। सरकार द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि प्राइवेट स्कूल अपनी ऑफिशियल वेबसाइट के जरिए विषयों और निर्धारित पुस्तकों की सूची को जारी करना चाहिए। साथ ही स्कूल पैरेंट्स पर किसी विशेष दुकान से किताबें आदि लेने के लिए बाध्य नहीं करेंगे। बल्कि बच्चों की किताबें और यूनिफॉर्म आदि खरीदने के लिए पैरेंट्स को व्यापल विकल्प उपलब्ध करवाने चाहिए। पैरेंट्स को खुला बाजार उपलब्ध कराया जाना चाहिए। जिससे कि उन पर आर्थिक बोझ न बढ़े।


मान्यता हो सकती है रद 

सरकार द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि सभी मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों को इस एडवाइजरी को गंभीरता से मानना होगा। ऐसे नहीं करने पर स्कूलों की मान्यता रद्द की जा सकती है। इसके अलावा उन स्कूलों का NOC भी वापस लिया जा सकता है। डीएसईजे ने इस एडवाइजरी को गंभीरता से जारी करने के लिए मुख्य शिक्षा अधिकारियों को उप मुख्य शिक्षा अधिकारियों और जोनल शिक्षा अधिकारियों की अध्यक्षता में विशेष निगरानी टीमों को गठित किया है। जिससे कि प्राइवेट स्कूलों द्वारा सरकार के आदेश न मानने पर आने वाली शिकायतों का सत्यापन किया जा सके।


अन्य शुल्क लेने पर 

डीएसईजे के निदेशक ने एक अलग परिपत्र में उन स्कूलों पर भी कार्रवाई की जाने की बात कही है। जो स्कूल पैरेंट्स से वार्षिक और एडमिशन फीस के साथ ट्यूशन फीस और अन्य शुल्क की भी मांग करते हैं। शिकायत मिलने पर इन निजी स्कूलों पर भी कार्रवाई की जाएगी। डीएसईजे ने कहा कि सभी प्राइवेट जे-के स्कूल शिक्षा अधिनियम 2002 का सख्ती से पालन करना चाहिए।