संभल हिंसा में घायल ने करवाई एफआईआर दर्ज, फायरिंग का आरोप तुर्क बिरादरी के लोगों पर लगा
यूपी के संभल में 24 नवंबर को मस्जिद सर्वे के दौरान काफी बवाल देखने को मिला था। इस दौरान 5 लोगों की मौत हो गई। देशभर में यह मुद्दा काफी गरमाया हुआ था। पुलिस- प्रशासन को हालात को काबू पाने के लिए संभल में इंटरनेट बंद करना पड़ा था। अब राजनितिक पार्टियां संसद में संभल हिंसा का मुद्दा उठा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के संभल जिलें में मस्जिद सर्वे के दौरान हिंसा हुई थी। इस हिंसा को लेकर पुलिस की ओर से किए जा रहे दावे को अब और भी मजबूती मिल गई है। दरअसल, पुलिस का कहना है कि हिंसा में जान गंवाने वाले पांच युवकों की मौत उपद्रवियों की फायरिंग से हुई और पुलिसकर्मियों के साथ-साथ अन्य घायल हुए लोगों को भी बवालियों की ही गोली लगी।
बता दें कि, हिंसा के दौरान गोली लगने से घायल हुए एक युवक के चाचा ने अब गोली मारने के लिए तुर्क बिरादरी के अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया है। एएसपी श्रीश चंद्र ने कहा कि यह मामला जीरो एफआईआर के तौर पर मुरादाबाद में दर्ज किया गया था और अब इसे औपचारिक रुप से जांच-पड़ताल के लिए संभल कोतवाली में ट्रांसफर कर दिया गया है।
इस हिंसा के दौरान मोहल्ला कोट गर्वी मौलवी साहब वाली मस्जिद इलाके के वसीम गोली लगने से घायल हो गए थे। घयालों का टीएमयू अस्पताल में इलाज चल रहा था। घायल युवक के चाचा नसीम ने मुरादाबाद के थाना पापबड़ा पुलिस को लिखित शिकायत दी और बताया कि 24 नवंबर को सर्वे करने आई टीम पर आसपास के तुर्क बिरादरी के हजारों लोगों ने पथराव किया था।
एसपी सांसद को अवैध कंसट्रक्शन को नोटिस
इस बीच संभल के एसडीएम ने समाजवादी पार्टी के सांसद जिया उर रहमान बर्क को मैप पास कराए बिना कथित रुप से मकावन बनाने के लिए कारण बताओं नोटिस जारी किया है। उत्तर प्रदेश भवन विनियमन के तहत जारी हुआ नोटिस में स्थानीय भवन मानदंडों के उल्लंधन का उल्लेख किया है। वहीं, संभल के डीएम राजेंद्र पेसिया ने नोटिस जारी होने की पुष्टि की है।
पेसिया ने कहा कि नियमों के अनुसार विनियमित क्षेत्र में मकान बनाने वाले किसी भी व्यक्ति को अधिकारियों द्वारा स्वीकृत हाउस मैप की आवश्यकता होती है। इसी तरह के नोटिस अन्य लोगों के भी दिए गए है।