Manipur Violence: मणिपुर हिंसा की जांच के लिए आयोग का गठन, 6 महीने के अंदर सौंपनी होगी रिपोर्ट

LSChunav     Jun 05, 2023
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Manipur Violence: मणिपुर हिंसा की जांच के लिए आयोग का गठन, 6 महीने के अंदर सौंपनी होगी रिपोर्ट

केंद्र सरकार ने मणिपुर में भड़की हिंसा की जांच के लिए तीन सदस्यीय आयोग का गठन किया है। गुवाहाटी हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस अजय लांबा इस कमेटी के अध्यक्ष हैं। कमेटी को 6 महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी।

मणिपुर हिंसा की जांच के लिए केंद्र सरकार ने तीन सदस्यीय आयोग का गठन किया। बता दें कि गुवाहाटी हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस अजय लांबा की अध्यक्षता में इस आयोग का गठन किया गया है। गृह मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि गठित की गई कमेटी मणिपुर में दंगा, हिंसा के कारणों और प्रसार करेगी। इसके बाद 6 महीने के अंदर आयोग को अपनी जांच रिपोर्ट सौंपनी होगी। इसके साथ ही जांच आयोग इस बात की भी जांच करेगा कि क्या जिम्मेदार अधिकारियों और लोगों की तरफ से कर्तव्य को निभाने में किसी तरह की चूक या लापरवाही बरती गई है।


हिंसा में गई 80 लोगों की जान

वहीं गृहमंत्री अमित शाह ने बीते रविवार को मणिपुर की जनता से राष्ट्रीय राजमार्ग-2 से नाकेबंदी हटाने की अपील की। जिससे कि राज्य में भोजन, दवा और ईंधन जैसी बुनियादी व जरूरी चीजें पहुंचाई जा सके। अभी भी राज्य के कई इलाकों में छिटपुट हिंसा जारी है। मैतेई और कुकी की आपसी लड़ाई ने अब तक पूरे राज्य को प्रभावित किया है। इस हिंसा में करीब 80 लोगों ने जान गंवाई है। यह हिंसा बीते 3 मई से शुरू हुई थी। 


अमित शाह ने किया राज्य का दौरा

इसी बीच अमित शाह ने भी मणिपुर का दौरा किया था। उस दौरान गृहमंत्री ने कहा था कि हाईकोर्ट के जल्दबाजी में दिए गए फैसले के कारण राज्य में हिंसा भड़की थी। बता दें कि मणिपुर में मैतेई समुदाय द्वारा जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग की जा रही थी। मैतेई समुदाय की इस मांग को हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया था। जिसके बाद से मैतेई और कुकी समाज में हिंसा भड़क गई। राज्य में हिंसा भड़कने के पीछ एक कारण मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की सख्ती को भी माना जा रहा है। बता दें कि राज्य की बीरेन सरकार ने पर्वतीय क्षेत्रों में अवैध कब्जों पर कार्रवाई किए जाने के साथ ही अफीम की खेती पर शिकंजा कसा था।