ईवीएम के साथ वीवीपैट पर्चियों का मिलान मामले पर अब इस दिन आएगा फैलसा

LSChunav     May 03, 2019
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ईवीएम के साथ वीवीपैट पर्चियों का मिलान मामले पर अब इस दिन आएगा फैलसा

शीर्ष अदालत ने आठ अप्रैल को निर्वाचन आयोग को निर्देश दिया कि मतगणना के लिये इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों के साथ लगी वीवीपैट की पर्चियों के मिलान की प्रक्रिया प्रति विधान सभा क्षेत्र एक मतदान केन्द्र से बढ़ाकर पांच मतदान केन्द्र की जाये।

नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय शुक्रवार को लोक सभा चुनाव में ईवीएम के साथ वीवीपैट की पर्चियों के औचक मिलान की संख्या और ज्यादा करने के लिये 21 विपक्षी नेताओं की पुनर्विचार याचिकाओं पर अगले सप्ताह सुनवाई करने के लिये तैयार हो गया। शीर्ष अदालत ने आठ अप्रैल को निर्वाचन आयोग को निर्देश दिया कि मतगणना के लिये इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों के साथ लगी वीवीपैट की पर्चियों के मिलान की प्रक्रिया प्रति विधान सभा क्षेत्र एक मतदान केन्द्र से बढ़ाकर पांच मतदान केन्द्र की जाये। हालांकि, शीर्ष अदालत ने प्रत्येक विधान सभा क्षेत्र में कम से कम 50 फीसदी पर्चियों का मिलान करने का विपक्षी नेताओं का अनुरोध अस्वीकार कर दिया था। 

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प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने इस याचिका पर शीघ्र सुनवाई करने का अनुरोध किया। उन्होंने पीठसे अनुरोध किया कि पुनर्विचार याचिका अगले सप्ताह सुनवाई के लिये सूचीबद्ध की जाये। पीठ ने सिंघवी का यह अनुरोध स्वीकार करते हुये कहा कि पुनर्विचार याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई की जायेगी। पुनर्विचार याचिका में कहा गया है कि वीवीपैट पर्चियों के मिलान में सिर्फ दो प्रतिशत की वृद्धि पर्याप्त नहीं होगी और इससे न्यायालय के आदेश से पहले की स्थिति में बहुत अधिक बदलाव नहीं आयेगा। इसलिए , याचिकाकर्ता मेरिट के आधार पर अपनी दलीलों में सफल रहे हों लेकिन उनकी यह सफलता उनकी शिकायत का समाधान नहीं करती है।

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याचिकाकर्ताओं ने शीर्ष अदालत की पहले की टिप्पणी का जिक्र करते हुये कहा है कि उसने कहा था कि ईवीएम और वीवीपैट की पर्चियों में औचक मिलान की प्रक्रिया में दो प्रतिशतकी वृद्धि से चुनाव प्रक्रिया में जनता का विश्वास बढ़ाने का मकसद पूरा नहीं होगा। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चन्द्रबाबू नायडू के नेतृत्व में इन विपक्षी दलों के नेताओं ने पुनर्विचार याचिका में कहा है कि वीवीपैट पर्चियों के औचक मिलान के लिये एक मतदान केन्द्र से बढ़ाकर पांच मतदान केन्द्र करना पर्याप्त नहीं है और इससे न्यायालय द्वारा अपेक्षित संतोषप्रद नतीजे नहीं मिलेंगें। याचिका में निर्वाचन आयोग की इस दलील का विरोध किया गया है कि चुनाव नजदीक हैं और ऐसी स्थिति में ईवीएम के साथ वीवीपैट की पर्चियों के मिलान की संख्या को बढाना व्यावहारिक नहीं है। याचिका में कहा गया है कि मिलान के लिये व्यावहारिक संख्या तर्कसंगत होनी चाहिए। याचिका में आरोप लगाया गया है कि आंध्र प्रदेश में अनेक मतदान केन्द्रों पर वीवीपैट मशीनें सही तरीके से काम नहीं कर रही थीं।