रोहिणी के 3 'विस्फोटक' पोस्ट, नीतीश कुमार का इस्तीफा, बिहार में ऐसे पलटा सियासी खेल

इस साल नवम्बर में बिहार विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। इस दौरान सभी राजनैतिक पार्टियां प्रचार में लग चुकी है। आपको बता दें कि, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने 2024 के लोकसभा चुनाव में सारण सीट से राजद के टिकट पर चुनाव लड़ा था। यह बात किसी को हजम नहीं हो रही है कि जो व्यक्ति देश के सबसे प्रतिष्ठित चुनाव लोकसभा में उतरे, वह कहे कि उसकी कोई राजनीतिक इच्छा नहीं है।
लोकसभा चुनाव 2024 में रोहिणी आचार्य ने सारण सीट से चुनाव लड़ा था। अब वहीं कोई कहें कि राजनीतिक चुनाव लड़ने की इच्छा नहीं है। उस समय लालू यादव बीमार थे। क्योंकि साल 2022 में उनका किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था। रोहिणी ने अपने पिता लालू यादव को किडनी दान की थी। उस दौरान रोहिणी का यह पितृप्रेम की तारीफ हर किसी ने की था। लोकसभा चुनाव 2024 के प्रचार में लालू यादव चार बार रोहिणी का प्रचार किया है। हालांकि, रोहिणी करीब 13 हजार वोटों से हार गई थी।
रोहिणी के वे तीन सोशल मीडिया पोस्ट
वैसे तो रोहिणी आचार्य सिंगापुर में रह कर भी राजनीतिक रुप से परिवार का बचाव करती रहती है। गौरतलब है कि जनवरी 2024 में नीतीश कुमार ने राजद को सरकार से बाहर करने के लिए इस्तीफा दे दिया था। इसकी एक वजह यह भी मानी जाती है कि रोहिणी के 3 सोशल मीडिया पोस्ट को माना जाता है।
15 जनवरी के बाद से सत्तारूढ़ जदयू और राजद में मतभेद देखने को मिलने लगा था। इस दौरान रोहिण आचार्य ने 25 जनवरी को एक्स पर तीन पोस्ट किए हैं। पहला पोस्ट - अक्सर कुछ लोग नहीं देख पाते अपनी कमियां, लेकिन किसी दूसरे पे कीचड़ उछालने को करते रहते हैं बदतमीजियां। दूसरा पोस्ट- समाजवादी पुरोधा होने का करता वही दावा है, हवाओं की तरह जिसकी बदलती विचारधारा है। तीसरा पोस्ट- खीज जताये क्या होगा जब हुआ न कोई अपना योग्य, विधि का विधान कौन टाले जब खुद की नीयत में ही हो खोट।
रोहिणी की इन 3 पोस्ट के बाद नीतीश कुमार ने दिया था इस्तीफा
उस दौरान रोहिणी के यह 3 पोस्ट काफी वायरल हुए थे। जिसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला जाने लगा। जब मामला आगे बढ़ गया तो तरह-तरह की तमाम अटकलें आना शुरु हो गई थी। हालांकि, विवाद बढ़ने के बाद रोहिणी ने पोस्ट को डिलीट कर दिया था। जिसके बाद 28 जनवरी 2024 को नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद राजद सरकार की विदाई हो गई थी। फिर नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ मिलकर अपनी नई सरकार बनाई थी।