शिवांगी सिंह के साथ राफेल में राष्ट्रपति मुर्मू की उड़ान, पाक के झूठ को किया बेनकाब!

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की राफेल लड़ाकू विमान में उड़ान और स्क्वॉड्रन लीडर शिवांगी सिंह के साथ उनकी तस्वीर पाकिस्तान के झूठे दावों का मुंहतोड़ जवाब है, जिसने मई में भारतीय पायलट को पकड़ने का दावा किया था। यह घटना भारत की सैन्य शक्ति और दृढ़ राष्ट्रीय सुरक्षा नीति का सशक्त प्रदर्शन है, जिसने देश की रक्षा क्षमताओं के प्रति गर्व की नई भावना जगाई।
बुधवार की सुबह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अंबाला एयरबेस पर राफेल लड़ाकू विमान में उड़ान भरी, तो यह महज एक फोटो खिंचवाने का मौका नहीं था, बल्कि इसमें पाकिस्तान के लिए एक स्पष्ट संदेश छिपा था, खासकर स्क्वाड्रन लीडर शिवांगी सिंह के साथ उनकी तस्वीर खिंचवाना। जब भारत ने मई में पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर हमला किया था, तो इस्लामाबाद के कथा-निर्माताओं और मीडिया ने राफेल विमान की पायलट स्क्वाड्रन लीडर शिवांगी सिंह को पकड़ने का दावा किया था। यह दावा तुरंत झूठ साबित हुआ।
पाकिस्तान ने लगाए थे झूठे आरोप
29 अक्टूबर को स्क्वाड्रन लीडर शिवांगी सिंह ने ही राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को हरियाणा स्थित भारतीय वायु सेना (आईएएफ) बेस पर नए राफेल लड़ाकू विमान का दौरा कराया था। मई में, जब भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था - जो जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा द्वारा किए गए आतंकी हमले के जवाब में एक सैन्य कार्रवाई थी, जिसमें 26 लोग मारे गए थे - तब पाकिस्तान की ओर से राफेल सहित भारतीय विमानों को मार गिराने और भारतीय सैनिकों को "युद्धबंदी" बनाने जैसे कई दावे किए गए थे। भारतीय सेना और नरेंद्र मोदी सरकार ने इन दावों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में आतंकवादियों को मारकर एक कड़ा संदेश देने के बाद, भारत ने पाकिस्तान के अनुरोध पर युद्धविराम का फैसला किया। भारत में पेश किए थे सबूत, उन्होंने आंकड़े और दृश्य भी पेश किए जिनसे पता चला कि पाकिस्तान ने सच में छह विमान खो दिए। एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने कहा कि पाकिस्तान के नुकसान में चार अमेरिकी निर्मित एफ-16 और चीन द्वारा प्रदान किए गए जेएफ-17 लड़ाकू विमान शामिल हैं।
राष्ट्रपति मुर्मू ने नए राफेल में उड़ान भरी
राष्ट्रपति मुर्मू ने सुबह 11.27 बजे विमान के उड़ान भरने से पहले जेट के अंदर से हाथ हिलाकर अभिवादन किया। यह उड़ान लगभग 30 मिनट तक चली और लगभग 200 किलोमीटर की दूरी तय करके वापस वायुसेना स्टेशन पहुंची। राष्ट्रपति कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि लड़ाकू विमान ने समुद्र तल से लगभग 15,000 फीट की ऊंचाई पर और लगभग 700 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से उड़ान भरी।
राष्ट्रपति ने एक्स पर किया पोस्ट
राष्ट्रपति ने अपने आधिकारिक अकाउंट X के पर पोस्ट किया, उसमें कहा कि, "राफेल पर उड़ान मेरे लिए एक यादगार अनुभव है। शक्तिशाली राफेल विमान पर इस पहली उड़ान ने मुझमें देश की रक्षा क्षमताओं के प्रति गर्व की एक नई भावना जगा दी है। मैं इस उड़ान के सफल आयोजन के लिए भारतीय वायु सेना और अंबाला वायु सेना स्टेशन की पूरी टीम को बधाई देती हूं।"
"The sortie on Rafale is an unforgettable experience for me. This first flight on the potent Rafale aircraft has instilled in me a renewed sense of pride in the nation's defence capabilities. I congratulate the Indian Air Force and the entire team of Air Force Station, Ambala for… pic.twitter.com/Ud3LX8uqBU
— President of India (@rashtrapatibhvn) October 29, 2025



