Tamil Nadu Corruption: स्टालिन सरकार के मंत्री पोनमुडी को भ्रष्टाचार मामले में 3 साल की जेल, कोर्ट ने लगाया जुर्माना

LSChunav     Jan 04, 2024
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Tamil Nadu Corruption: स्टालिन सरकार के मंत्री पोनमुडी को भ्रष्टाचार मामले में 3 साल की जेल, कोर्ट ने लगाया जुर्माना

तमिलनाडु के वरिष्ठ मंत्री के पोनमुडी को भ्रष्टाचार मामले में तीन साल के लिए जेल की सजा सुनाई गई है। वरिष्ठ मंत्री के पोनमुडी को यह सजा मद्रास हाईकोर्ट ने सुनाया है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने इन पर 50 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है।

तमिलनाडु के वरिष्ठ मंत्री के पोनमुडी को भ्रष्टाचार मामले में तीन साल के लिए जेल की सजा सुनाई गई है। वरिष्ठ मंत्री के पोनमुडी को यह सजा मद्रास हाईकोर्ट ने सुनाया है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने इन पर 50 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। निचली अदालत की तरफ से पोनमुडी को बरी करने के फैसले को पलटते हुए उच्च न्यायालय ने ये सजा सुनाई। आय से अधिक संपत्ति के मामले में मद्रास उच्च न्यायालय ने पोनमुडी को दोषी पाया था।


जिसके बाद निचली अदालत द्वारा राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री और उनकी पत्नी पी. विसालक्षी को बरी करने के आदेश को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया। उच्च शिक्षा मंत्री को सजा सुनाए जाने के बाद उनकी विधानसभा की सदस्यता भी समाप्त हो गई है। साथ ही उन्हें मंत्री पद से भी हाथ धोना पड़ा। अब डीएमके सरकार में पोनमुडी के मंत्रालय की जिम्मेदारी पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री आरएस. राजाकन्नप्पन को सौंपी गई है। इस बारे में राजभवन से जानकारी प्राप्त हुई है।


उच्च शिक्षामंत्री पोनमुडी की पत्नी पी. विसालाक्षी को भी मद्रास उच्च न्यायालय के जज जी. जयचंद्रन ने 3 साल की सजा सुनाई है। वहीं पोनमुडी और उनकी पत्नी दोनों पर न्यायाधीश ने 50-50 लाख का जुर्माना भी लगाया। वहीं आरोपियों की तरफ से कोर्ट में पेश वरिष्ठ वकील एनआर. एलांगो ने अपील करते हुए कहा कि सजा निलंबित करने से और सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल करने के लिए उन्हें मोहलत दी जाए।


इस अपील पर कोर्ट ने उनको सिर्फ 30 दिनों की मोहलत दी है। कोर्ट के जज ने कहा कि इस समय के पूरा होने के बाद उनको विल्लुपुरम में निचली अदालत के सामने पेश होना होगा। बता दें कि 2006 से 2011 के बीच मंत्री रहते हुए पोनमुडी ने द्रमुक शासन में अपने और अपनी पत्नी के नाम पर 1.75 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित की थी। जो उनके आय के स्त्रोतों से ज्यादा थी।