जब बिहार विधानसभा चुनाव होने थे, तब स्पेशल इंटेसिव रिविजन (SIR) को लेकर पक्ष और अपक्ष के बीच तगड़ा सियासी संग्राम छिड़ा था। जिसके बाद राजनीतिक पारा इस कदर बढ़ गया कि मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया था। चुनाव की नतीजे आते ही बिहार में SIR का मुद्दा रातोंरात गायब हो गया है। अब बंगाल में SIR की यह बयार पड़ोसी राज्य बंगाल तक पहुंच गई है। बिहार में SIR के सफल लागू होने के बाद चुनाव आयोग ने देश के 11 राज्यों में इस प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाना शुरू कर दिया है। इस सूची में पश्चिम बंगाल भी शामिल है। चूँकि बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं, इसलिए SIR का मुद्दा एक बार फिर से राजनीतिक चर्चा का केंद्र बन गया है।
राहुल गांधी ने SIR पर क्या कहा?
कांग्रेस नेता राहुल गांधी पश्चिम बंगाल में SIR के खिलाफ सरकार के घेरने की तैयारी कर रहे हैं। राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, "SIR के कारण पूरे देश में अफरा-तफरी मच गई है और इसका परिणाम क्या है? 3 हफ्ते में 16 BLO की जान चली गई, जिसकी वजह हार्ट अटैक, सुसाइड और तनाव है। इसके बावजूद SIR से कोई सुधार नहीं हो रहा है। यह सिर्फ एक अत्याचार है।"
राहुल गांधी SIR पर क्या कहा?
SIR एक सोची-समझी चाल है। इसके जरिए आम लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है। BLO पर बेवजह दबाव बनाया जा रहा है। यह कोई विफलता नहीं, बल्कि साजिश है। सत्ता में मौजूद लोगों को बचाने के लिए लोकतंत्र की कुर्बानी दी जा रही है।
क्यों हो रहा है SIR?
EC ने पश्चिम बंगाल के अलावा उत्तर पूर्वी राज्य समेत 11 राज्यों में SIR करवाने का आदेश दिया है। इनमें से कई राज्य है, जो बांग्लादेश और म्यांमार की सीमा शेयर करते हैं। जिस वजह से भारी संख्या में अवैध शरणार्थी भारत में चोरी-छिपे घुसपैठ करते हैं। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर ये घुसपैठिए देश के मतदाता बन जाते हैं। इनकी पहचान करने के लिए चुनाव आयोग ने SIR की शुरुआत की है।
TMC ने बुलाई बैठक
पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने भी SIR के खिलाफ अपना विरोध तेज कर दिया है। TMC के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए एक बैठक बुलायी है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मतुआ समुदाय के सदस्यों से संवाद कर उन्हें SIR से संबंधित सभी जानकारी देंगी, ताकि कोई भी वैध मतदाता सूची से बाहर न रह जाए।