उत्तर प्रदेश की कन्नौज लोकसभा सीट इन दिनों काफी सुर्खियों में हैं। इस सीट से समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव चुनावी रण में उतरे हैं। तो वहीं भारतीय जनता पार्टी ने मौजूदा सांसद सुब्रत पाठक को टिकट दिया है। वहीं बहुजन समाज पार्टी की तरफ से इस सीट पर इमरान बिन जाफर को मैदान में उतारा है। बता दें कि सपा ने इस सीट से पहले तेज प्रताप यादव को उम्मीदवार बनाया था। ऐसे में चुनाव जीतने के लिए दोनों दलों बीजेपी और सपा ने पूरी ताकत झोंक दी है। भले की बसपा ने देर से चुनाव प्रचार शुरूकर दिया, लेकिन अब बसपा ने भी चुनाव जीतने के लिए पूरी ताकत लगा दी है।
सपा प्रत्याशी अखिलेश यादव
लगातार सात चुनावों में मिली जीत के बाद पिछली बार इस सीट को गंवाने वाली सपा एक बार फिर इसको वापस करने की जुगत में लगी है। सपा इस सीट को लेकर कितना अधिक गंभीर है, इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि खुद सपा पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव यहां से चुनाव लड़ रहे हैं। बता दें कि साल 2000 में हुए उप-चुनाव में कन्नौज सीट से सपा प्रमुख अखिलेश यादव को उतारा गया था, जिसके साथ ही उनकी चुनावी राजनीति में एंट्री हुई थी। यहां से अखिलेश का राजनीति में यह प्रवेश जीत के साथ हुआ।
बसपा प्रत्याशी इमरान बिन जाफरी
आम आदमी पार्टी (आप) छोड़कर आए इमरान बिन जफर को बसपा ने कन्नौज लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है। वह लोकसभा चुनाव 2014 में कन्नौज सीट पर आम आदमी पार्टी की टिकट पर भी चुनाव लड़ चुके हैं।
बीजेपी प्रत्याशी सुब्रत पाठक
कभी समाजवादी पार्टी का गढ़ कही जाने वाली कन्नौज लोकसभा सीट पर फिलहाल भारतीय जनता पार्टी के सुब्रत पाठक का कब्जा है। साल 2019 में सुब्रत पाठक ने डिंपल यादव को हराकर 21 साल बाद सपा का गढ़ ध्वस्त कर भगवा लहराया था। ऐसे में इस बार सुब्रत पाठक का मुकाबला सपा प्रमुख अखिलेश यादव से है।