By LSChunav | Dec 30, 2025
इस समय पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर का मामला काफी सुर्खियों में है। उन्नाव में दुष्कर्म मामले में उत्तर प्रदेश के पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट हुई। शीर्ष अदालत ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी। बता दें कि हाईकोर्ट ने सेंगर को मिली सजा को निलंबित कर दिया था। उन्नाव में दुष्कर्म के इस मामले में सेंगर दोषी पाए गए हैं, जिसके बाद उन्हें उम्रकैद की सजा हुई थी। दिल्ली हाईकोर्ट ने 23 दिसंबर को सेंगर की उम्रकैद की सजा निलंबित कर दी थी, जिसके बाद सीबीआई ने इस फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया। जिसके बाद शीर्ष अदालत ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। इस बीच, पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर केस की पीड़िता ने सु्प्रीम कोर्ट के फैसले की सराहना की। कहा कि सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा है। उन्हें झूठा साबित करने की कोशिश करने वाले पूर्व विधायक पर सख्त कार्रवाई जरुर होगी। पीड़िता ने कहा- न्याय के लिए आखिरी सांस तक लड़ूंगी।
पीड़िता ने फोन पर कहा कि वह सिर्फ अपने लिए नहीं, बल्कि हर पीड़ित महिला की ओर से आवाज उठा रही है। उसका मानना है कि यदि सेंगर को जमानत मिलती है, तो यह फैसला देशभर में ऐसे हजारों मामलों के लिए मिसाल बन जाएगा, जिससे बहन-बेटियों पर अत्याचार करने वाले अपराधी एक-एक करके जेल से बाहर आ सकते हैं।
उन्होंने कहा कि यदि हाईकोर्ट के फैसले के तुरंत बाद सीबीआई ने अपील दायर कर दी होती, तो पीड़िता और उनकी मां को इतना लंबा संघर्ष और पुलिस की धक्का-मुक्की नहीं झेलनी पड़ती। उन्होंने यह भी बताया कि दुष्कर्म के अपराधी और उनके पिता की मौत के जिम्मेदार सेंगर को तीस हजारी कोर्ट ने उम्रभर जेल में रहने की सजा सुनाई थी। सेंगर चाहे जितने भी प्रयास कर ले, वह अपने लिए और अपने जैसी प्रताड़ित अन्य बेटियों के न्याय की लड़ाई लगातार लड़ती रहेंगी।
पीडिता ने बताया 2019 की घटना के बारे में
उन्होंने बताया कि जुलाई 2019 में जब रायबरेली में उनकी कार दुर्घटनाग्रस्त हुई थी और हादसे में उनकी चाची और मौसी की मौत हो गई थी तब भी सुप्रीम कोर्ट ने इस पूरे प्रकरण का स्वतंः संज्ञान लेकर मुकदमे को दिल्ली में ट्रांसफर कराया था और न्याय मिला था।
पीड़िता ने यह भी बताया कि सीआरपीएफ सुरक्षा बहाल करने की मांग पीड़िता ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उन्हें और उनके परिवार और पैरोकारों को सीआरपीएफ सुरक्षा मिली थी। जिसे परिवार को सीआरपीएफ सुरक्षा दी थी। हालांकि करीब छह साल बाद तीन अप्रैल 2025 को उन्हें (पीड़िता) के अलावा अन्य सभी की सीआरपीएफ सुरक्षा वापस कर लगी गई। बताया कि सेंगर के समर्थकों से उन्हें ही नहीं परिवार और मददगारों को भी जान का खतरा है। इसलिए सरकार को उनकी सीआरपीएफ सुरक्षा बहाल करनी चाहिए।
कुलदीप सेंगर की बेटी एक्स पर शेयर की मार्मिक चिट्टी
सुप्रीम कोर्ट से पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर को सोमवार को झटका लगने के बाद उनकी बेटी इशिता सेंगर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भारत गणराज्य के माननीय अधिकारियों को चिट्ठी लिखी है।
उन्होंने लिखा है कि वह यह पत्र एक ऐसी बेटी के रूप में लिख रही हैं जो थकी हुई, डरी हुई और धीरे-धीरे अपना विश्वास खोती जा रही है, लेकिन फिर भी उम्मीद से जुड़ी हुई है, क्योंकि अब उसके पास जाने के लिए कोई और जगह नहीं बची है। पोस्ट में यह भी कहा गया है कि पिछले आठ वर्षों से वह और उसका परिवार चुपचाप और धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा कर रहे हैं।
इस विश्वास के साथ कि एक दिन सच्चाई अपने आप सामने आ जाएगी, हमने कानून और संविधान पर आस्था बनाए रखी। हमें भरोसा था कि इस देश में न्याय शोर-शराबे, हैशटैग या भीड़ के दबाव से नहीं चलता। लेकिन आज मैं लिख रही हूं क्योंकि यह भरोसा धीरे-धीरे दरक रहा है। मेरी बात सुने जाने से पहले ही मुझे केवल एक विधायक की बेटी के रूप में देख लिया जाता है, जैसे इस पहचान के आगे मेरी इंसानियत का कोई महत्व ही न रह गया हो।