मध्य प्रदेश के भोपाल को नवाबों का और तालाबों के शहर के नाम से जाना जाता है। एशिया की सबसे बड़ी और छोटी मस्जिद का शहर भोपाल। भोपाल वह शहर है, पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा, उमा भारती और कांग्रेस जैसे नेता दिए हैं। ऐसे में आज हम इसी लोकसभा सीट की बात करने जा रहे हैं, जो यहां की हॉट लोकसभा सीट है।
यह सीट हमेशा से वीआईपी रही है। इस सीट ने एमपी को मुख्यमंत्री दिया और देश को 9वें राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा। इस सीट पर 7 मई को मतदान होने हैं। तो आइए जानते हैं इस संसदीय सीट का इतिहास।
भाजपा प्रत्याशी आलोक शर्मा
भारतीय जनता पार्टी ने इस बार आलोक शर्मा को अपना प्रत्याशी बनाकर दांव खेला है। आलोक शर्मा ब्राह्मण समुदाय से ताल्लुक रखते हैं और वह भाजपा के वरिष्ठ नेता भी हैं। साल 1994 में आलोक शर्मा निगम पार्षद भी रह चुके हैं। वहीं साल 2015 में वह भोपाल के नगर निगम के महापौर रहे हैं। बता दें कि साल 2023 में पार्टी द्वारा आलोक शर्मा को उत्तर से विधानसभा का टिकट दिया था। लेकिन तब उनको हार का सामना करना पड़ा था। ऐसे में इस बार पार्टी आलोक शर्मा को एक मौका फिर दे रही है।
कांग्रेस प्रत्याशी कांग्रेस अरुण श्रीवास्तव
वहीं कांग्रेस ने भोपाल की लोकसभा सीट से अरुण श्रीवास्तव को अपना प्रत्याशी चुना है। अरुण पेशे से वकील हैं और वह कायस्थ समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। इसके अलावा अरुण श्रीवास्तव कांग्रेस पार्टी के भोपाल ईकाई के उपाध्यक्ष समेत कई अहम पदों पर रह चुके हैं।
भोपाल लोकसभा सीट का चुनावी इतिहास
भोपाल गैस कांड से पहले यह सीट कांग्रेस का गढ़ रही है। इस घटना के बाद भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी। इस सीट पर तब से अब तक भाजपा को हार नहीं मिली है। इस सीट पर अब तक 16 बार आम चुनाव हो चुके हैं। जिनमें से 9 बार बीजेपी, 5 बार कांग्रेस और 1 बार जनसंघ और भारतीय लोकदल ने जीत हासिल की। बता दें कि 1989 से लेकर 2019 तक इस सीट पर बीजेपी को जीत हासिल हुई है।