मेघालय की सत्तारूढ़ गठबंधन की अगुवाई वाली पार्टी एनपीपी ने स्थानीय जिला परिषद की कार्यकारी समिति में अपने ही सहयोगी यूडीए को बड़ा झटका दिया है। विपक्षी दल कांग्रेस के साथ हाथ मिलाकर एनपीपी ने गठबंधन सहयोगी यूडीपी को बाहर कर दिया है। मेघालय की राजनीति में यह घटनाक्रम काफी दिलचस्प माना जा रहा है। बता दें कि मेघालय में एनपीपी और यूडीपी की गठबंधन सरकार है। एनपीपी के एक नेता इस घटनाक्रम के बाद एक स्वायत्त जिला परिषद की कार्यकारी समिति के प्रमुख बन गए हैं।
बता दें कि टिटोस्टारवेल चाइन के नेतृत्व वाली यूनाइटेड डेमोक्रेटिक एलायंस कार्यकारी समिति के खिलाफ एनपीपी के खासी हिल्स स्वायत्त जिला परिषद के सदस्य पिनीएड सिंग सयीम ने विद्रोह का नेतृत्व किया। जिसके चलते 30 सदस्यीय सदन में यूडीपी अल्पमत में आ गई। यह अविश्वास प्रस्ताव नेशनल पीपुल्स पार्टी के बाजोप पिनग्रोप लाए थे। जिसपर स्वायत्त जिला परिषद में चाइन के नेतृत्व वाली कार्यकारी समिति ने मतदान के दौरान हार के बाद अपना बहुमत खो दिया था।
जिसके बाद खासी हिल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट के प्रमुख सयीम ने मुख्य कार्यकारी सदस्य के तौर पर शपथ लिया। इस पद के लिए अन्य कोई दावेदार नहीं था। ऐसे में एनपीपी का एक नेता एक स्वायत्त जिला परिषद की कार्यकारी समिति का प्रमुख बन गया। एनपीपी-कांग्रेस गठबंधन को परिषद संचालित करने के लिए केएचडीएफ नाम दिया गया है। बता दें कि कांग्रेस द्वारा एनपीपी को समर्थन के अपने फैसले का बचाव किया गया है। विपक्ष के नेता आर.वी. लिंगदोह ने विधानसभा में कहा कि राज्य के आदिवासी लोगों के हितों की रक्षा के लिए कांग्रेस परिषद में एनपीपी का समर्थन कर रही है।