लोकसभा चुनाव की रणभेरी बजने के साथ राजनीतिक दलों का चुनावी प्रचार-प्रसार जोरों पर हैं। पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी लोकसभा सीट पर 19 अप्रैल को पहली चरण में मतदान होने हैं। वर्तमान समय में यहां से भाजपा के सांसद है। लोकसभा चुनाव की बात करें तो साल 1962 से लेकर 1971 तक इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा हैं।
वहीं साल 1977 में इस सीट से निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत हासिल की थी। इसके बाद इस क्षेत्र में माकपा का आधिपत्य रहा। ऐसे में इस लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल की इस सीट पर सभी की नजरें टिकी हैं। तो आइए जानते हैं इस बार इस सीट ने किन प्रत्याशियों पर दांव लगाया है।
बीजेपी प्रत्याशी डॉ. जयंत कुमार रॉय
बीजेपी ने पश्चिम बंगाल की जलपाईगुड़ी लोकसभा सीट से एक बार फिर डॉ जयंत कुमार रॉय पर भरोसा जताया है। इससे पहले साल 2019 में डॉ जयंत रॉय ने इस सीट पर 1,84,004 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी। वहीं पश्चिम बंगाल के राजनीतिक परिदृश्य में जयंत रॉय एक प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं।
बता दें कि राजनीति में डॉ रॉय का प्रवेश पश्चिम बंगाल में स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे और सेवाओं में सुधार के लिए जाना जाता है। ऐसे में बीजेपी एक बार फिर डॉ जयंत राय को चुनावी मैदान में उतारकर जलपाईगुड़ी सीट पर कब्जा कायम रखने की कोशिश में हैं। वहीं राज्य में भाजपा के बढ़ते वोट शेयर सत्तारूढ़ पार्टी के लिए टेंशन की बात है।
TMC प्रत्याशी निर्मल चंद्र रॉय
डॉ. निर्मल चंद्र रॉय तृणमूल कांग्रेस के एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं। टीएमसी ने जलपाईगुड़ी लोकसभा सीट पर कब्जा जमाने के लिए डॉ. निर्मल चंद्र रॉय को चुनावी रण में उतारा है। टीएमसी उम्मीदवार निर्मल चंद्र रॉय ने इससे पहले पश्चिम बंगाल की धूपगुड़ी विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में जीत हासिल की थी। वर्तमान समय में वह धूपगुड़ी विधानसभा सीट से विधायक हैं। इससे पहले यानी की राजनीति में प्रवेश करने से पहले वह रॉय धूपगुड़ी गर्ल्स कॉलेज में इतिहास की प्रोफेसर थीं।
माकपा प्रत्याशी देबराज बर्मन
इसके अलावा जलपाईगुड़ी लोकसभा सीट से माकपा ने सीपीएम ने डीवाईएफआई के युवा नेता देबराज बर्मन चुनावी रण में उतारा है। हांलाकि साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान माकपा प्रत्याशी को इस सीट से हार का सामना करना पड़ा था। ऐसे में इस बार पार्टी ने युवा नेता देबराज बर्मन पर भरोसा जताया है।