कर्नाटक विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करने के बाद भले ही कांग्रेस पार्टी अति उत्साहित हो। लेकिन गुजरात में बीजेपी किसी तरह की कोताही करने के मीड में नहीं है। विधानसभा चुनावों के बाद भाजपा लोकसभा चुनावों को लेकर इलेक्शन मोड में आ गई है। भाजपा ने अभी से लोकसभा चुनावों की तैयारी करनी शुरू कर दी है। इसके लिए पार्टी ने प्रदेश के सभी 33 जिलों और आठ शहरों के प्रभारी तय कर दिए हैं। वहीं राज्य में सभी 26 सीटों पर जीत हासिल करने के लिए बीजेपी ने बड़ी जीत का लक्ष्य तय किया है।
राज्य विधानसभा चुनावों के बाद बीजेपी मे संगठन को लेकर यह ऐलान किया है। जिसमें पार्टी द्वारा एक ही झटके में सभी जिलों और शहरों के प्रभारियों के नाम व उनकी जिम्मेदारी तय कर दी गई है। बता दें कि राज्य में 26 लोकसभा सीटें हैं। पिछले 2 चुनावों से इन सीटों पर बीजेपी का कब्जा रहा है। विधानसभा चुनावों के बाद बीजेपी गुजरात के प्रदेश अध्यक्ष ने दर्जनभर जिलों के अध्यक्ष बदले थे। इसके अलावा कई जिलों में नई कार्यकारिणी भी घोषित की गई थी।
बीजेपी बना रही नई रणनीति
लोकसभा चुनावों को लेकर पाटिल लगातार मजबूत रणनीति बनाने में जुटे हैं। राज्य की सभी 26 लोकसभा क्षेत्रों में जीत के साथ ही पार्टी ने विपक्ष की जमानत भी जब्त कराने की तैयारी में जुटी है। इसलिए मजबूत नेता को साथ में लेने से कोई संकोच नहीं कर रही है। वहीं चुनाव में जीत हासिल करने वाले निर्दलीय विधायकों को भी पार्टी साथ लेकर रणनीति तैयार कर रही है। जिससे कि उनके विधानसभा क्षेत्र में पार्टी को किसी तरह से कमजोर न पड़े।
कांग्रेस को बड़ा झटका देने की तैयारी
इन सबके अलावा यह चर्चा भी जोरों पर है कि कांग्रेस के कुछ नेता बीजेपी का दामन थाम सकते हैं। वहीं बीजेपी भी लोकसभा चुनावों की अहमियत को ध्यान में रखते हुए निश्चिंत होना चाहती है। बता दें कि इसके लिए खुद पाटिल व्यूह रचना तैयार कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि कांग्रेस के 4 बार के विधायक जल्द ही भगवा धारण कर सकते हैं। धीरूभाई भील यदि कांग्रेस छोड़कर बीजेपी के साथ आते हैं तो निश्चित तौर पर उदेपुर जिले में कांग्रेस की स्थिति दयनीय हो सकती है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, सौराष्ट्र से आने वाले कांग्रेस के कुछ नेता भी बीजेपी के रडार पर है। बताया जा रहा है कि यह नेता मौजूदा प्रदेश नेतृत्व से खुश नहीं है। इसलिए पार्टी चाहती हैं कि लोकसभा चुनावों में पूरी तैयारी के साथ उतरा जाए। बीजेपी लोकसभा चुनाव में न सिर्फ क्लीन स्वीप चाहती है, बल्कि जीत का नया रिकॉर्ड भी बनाना चाहती है।