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Rajasthan Corruption: भ्रष्टाचार मामले में सीएम गहलोत के सामने मुश्किलें हजार, दूसरी बार कैसे जीत पाएंगे जनता का भरोसा

By LSChunav | Nov 09, 2023

चुनाव आयोग के ऐलान के मुताबिक राजस्थान में 25 नवंबर को एक चरण में मतदान होगा। जिसके बाद 3 दिसंबर 2023 को चुनाव के परिणाम घोषित किए जाएंगे। साल 2018 के राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 200 सीटों में से 100 पर जीत दर्ज कर सत्ता पर कब्जा जमाया था। वहीं भाजपा को उस दौरान 73 सीटों पर संतोष करना पड़ा था। वहीं अन्य के खाते में 27 सीटे आई थीं। वहीं वोट शेयर की बात करें तो कांग्रेस को 39.3, बीजेपी को 38.8 फीसदी वोट मिले थे। 

इस बार यानी की 2023 के विधानसभा चुनाव के दौरान राजस्थान में भ्रष्टाचार एक बड़ा मुद्दा बनकर उभरा है। दोनों सियासी दल बीजेपी और कांग्रेस एक-दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं। बता दें कि बीजेपी ने राजस्थान की गहलोत सरकार पर कमीशन सरकार होने का आरोप लगाया है। इसके अलावा ईडी भी यहां लगातार एक्शन में है। राज्य में ईडी ने हाल ही में कथित परीक्षा पत्र लीक मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में गोविंद सिंह डोटासरा के जयपुर और सीकर स्थित परिसरों पर छापे भी मारे। इसके अलावा ईडी ने सीएम गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को विदेशी मुद्रा उल्लंघन मामले में तलब किया। वहीं सीएम गहलोत ने इस मामले को चुनाव से जोड़ते हुए कहा कि ईडी दबाव में काम कर रही है।

इसके अलावा पीएम मोदी भी गहलोत सरकार पर लगातार हमालवर बने हुए हैं। पीएम मोदी ने कहा कि राज्य में नई फैक्ट्री लगी, निवेश बढ़े, नए कारखाने खुले है। इसके बाद भी यहां पर कदम-कदम पर भ्रष्टाचार है। पीएम ने आगे कहा कि जिस राज्य की लाल डायरी में काली करतूत हो, हर कोई कट-कमीशन में व्यस्त हो तो यहां पर कौन निवेश करना चाहेगा। वहीं खुद कांग्रेस नेता और राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट भी जब गहलोत से नाराज थे। तो उन्होंने भी गहलोत सरकार पर भ्रष्टाचार के मामले में कार्यवाही नहीं किए जाने को लेकर सवाल उठाए थे। वसुंधरा राजे की सरकार के दौरान हुए कथित भ्रष्टाचार मामले में पायलट ने सीएम गहलोत से कार्रवाई की मांग करते हुए पदयात्रा भी निकाली थी। उस दौरान पायलट ने कहा था कि जब कर्नाटक में 40 फीसदी कमीशन सरकार का मामला उठाया गया था तो लोगों ने भाजपा के खिलाफ हमारा साथ दिया।

भ्रष्‍टाचार का मुद्दा पड़ ना जाए भारी
बता दें कि भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर ही जयपुर के दोनों मेयर को निलंबित करना पड़ा, क्योंकि दोनों मेयर के पतियों पर घूसखोरी का आरोप लगा था। वहीं कई आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को एंटी-करप्‍शन ब्‍यूरो ने भ्रष्‍टाचार के मामलों में पकड़ा। इसके अलावा ग्रामीण इलाकों में कई पटवारियों और तहसीलदारों और निकायों में बाबुओं को घूस लेने के मामले में गिरफ्तार किया गया। ऐसे में भ्रष्टाचार से जुड़े यह सारे मुद्दे विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस पर भारी पड़ सकते हैं। 
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