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बुलडोजर एक्शन पर केरल CM का वार, सिद्धरमैया-शिवकुमार ने संभाला मोर्चा, सियासत गरमाई

By LSChunav | Dec 28, 2025

कर्नाटक राज्य में काफी समय से राजनीतिक हलचल मची हुई, कभी तो सीएम कुर्सी के लिए, तो राजनीतिक विवाद को लेकर। हालिए में कर्नाटक के बेंगलुरु में कोगिला लेआउट में तोड़फोड़ के बाद राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस पार्टी के इस कदम के बाद राज्य में कड़ी आलोचना हो रही है। लंबे समय के बाद आपसी खटपट की खबरों के बाद मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार एक मंच पर आ गए हैं।

बुलडोजर एक्शन पर हो रहा है बवाल

आपको बताते चले किं बेंगलुरु के कोगिल लेआउट पर 20 दिसंबर को हुए बुलडोजर एक्शन के बाद कई परिवार बेघर हो गए। इसको लेकर कर्नाटक में आफत मची हुई है। हाल ही में केरल के मुख्यमंत्री पिनारयी विजयन ने जब इसका विरोध किया, तो सीएम सिद्धरमैया भी कड़ी प्रतिक्रिया देने से चूके नहीं।

क्या बोले सीएम सिद्धरमैया ने?

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए सीएम सिद्धरमैया ने कहा, "कोगिला लेआउट में कई लोगों ने अवैध रूप से घर बना लिए थे। यहां कचरा जमा होता है, जिसके कारण यह जगह लोगों के लिए उपयुक्त नहीं है।" आगे मुख्यमंत्री ने क्या कहा- अवैध रूप से रह रहे कई लोगों को घर छोड़ने का नोटिस जारी किया गया था। मगर, इसके बावजूद लोगों ने इसका पालन नहीं किया। ऐसे में अतिक्रमण को हटाना जरूरी हो गया था।

केरल के मुख्यमंत्री ने साधा था निशाना

बता दें कि, केरल के मुख्यमंत्री विजयन ने कर्नाटक सरकार पर निशाना साधा और कहा था, 'बेंगलुरु में फकीर कॉलोनी और वसीम लेआउट को बुलडोजर से धराशायी कर दिया गया। यहां रहने वाले मुस्लिम परिवारों को विस्थापित करना सरकार की क्रूरता को उजागर करता है। इतना ही नहीं, न्होंने कर्नाटक सरकार की कार्रवाई को 'बुलडोजर न्याय' करार दिया है।

कर्नाटक के डिप्टी सीएम ने दी प्रतिक्रिया

कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने भी विजयन के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पिनारयी विजयन जैसे नेताओं ने सच्चाई जाने बिना ही, सवाल उठाना शुरू कर दिया है। उन्हें मामले की वास्तविकता पता होनी चाहिए।"

बुलडोजर न्याय को खारिज करते हुए डीके शिवकुमार ने कहा, 'यह हमारी संस्कृति नहीं है। सच जाने बिना आपको राज्य के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। यहां कचरे का निवारण करने के लिए एक खादान मौजूद है। 9 साल पहले इसकी स्थापना की गई थी। हम भूमि माफियाओं को सरकारी जमीन पर झुग्गी-झोपड़ियां नहीं बनाने देंगे।"

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