महाराष्ट्र सरकार ने अपनी प्रमुख योजना, 'मुख्यमंत्री माझी लड़की बहन योजना' में एक महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए, लाभार्थियों के लिए इसका लाभ जारी रखने के लिए ई-केवाईसी (इलेक्ट्रॉनिक केवाईसी) करवाना अनिवार्य कर दिया है। एक अधिकारी ने बताया कि इस संबंध में गुरुवार को एक सरकारी प्रस्ताव (जीआर) जारी किया गया है।
लड़की बहिन योजना क्या है?
महाराष्ट्र सरकार द्वारा जरूरतमंद महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री लड़की बहन योजना शुरू की गई है। इस योजना का उद्देश्य महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार और उनका समग्र विकास करना है। इस योजना के तहत सरकार 21-65 आयु वर्ग की उन महिलाओं को 1,500 रुपये की मासिक सहायता प्रदान करती है, जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय 2.5 लाख रुपये से अधिक नहीं है।
मुख्यमंत्री लड़की बहिन योजना ई-केवाईसी नियम
सरकार ने घोषणा की है कि लड़की बहन योजना के तहत ई-केवाईसी दो महीने के भीतर पूरी कर ली जानी चाहिए। महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने गुरुवार को कहा, "योजना के सभी लाभार्थियों के लिए वेब पोर्टल 'ladakibahin.maharashtra.gov.in' पर ई-केवाईसी सुविधा उपलब्ध करा दी गई है। उनसे अनुरोध है कि वे अगले दो महीनों में ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी कर लें।" उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि यह प्रक्रिया सरल और सुविधाजनक है तथा योजना में पारदर्शिता बनाए रखने और पात्र महिलाओं को नियमित लाभ सुनिश्चित करने के लिए सभी को इसे पूरा करना चाहिए।
जीआर के अनुसार, पात्र महिलाओं को अपने बैंक खातों में मासिक सहायता प्राप्त करने के लिए दो महीने के भीतर अपना सत्यापन और प्रमाणीकरण पूरा करना होगा। इसी तरह, अगर आधार प्रमाणीकरण नहीं किया जाता है, तो लाभ रोक दिए जाएंगे। सरकारी आदेश में कहा गया है कि लाभार्थियों को हर साल अनिवार्य रूप से ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
महाराष्ट्र सरकार ने ई-केवाईसी को अनिवार्य क्यों बनाया?
सरकार ने हाल ही में खुलासा किया था कि पुरुषों सहित लगभग 26.34 लाख अपात्र लाभार्थियों ने इस योजना में नामांकन कराया था और मासिक भत्ता प्राप्त किया था। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, जुलाई 2024 में शुरू की गई इस योजना के तहत 2.25 करोड़ महिलाओं को पैसा मिलता है।