हाल ही में मणिपुर के जिरीबाम जिले में एक बुजुर्ग की हत्या के बाद फिर से हिंसा भड़क उठी। इस हिंसा में एक समुदाय के 70 से अधिक घर जला दिए गए। इसके साथ ही उग्रवादियों ने दो पुलिस चौकी में आगजनी है। मई 2023 से राज्य में जातीय हिंसा जारी है। मणिपुर में मैतेई और पहाड़ी इलाकों में रहने वाले कुकी के बीच जातीय संघर्ष हुआ। जिसमें 200 से अधिक लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। मुस्लिम, नागा, मैतेई, कुकी और गैर-मणिपुरी समेत विविध जातीय संरचना वाला जिरिबाम अब तक इस जातीय संघर्ष में अछूता रहा था।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरी बार शपथ ग्रहण करने के ठीक बाद आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर एक साल से हिंसा की आग में जल रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य एक साल से शांति की राह देख रहा है। इस मामले पर प्राथमिकता से विचार करना चाहिए। भागवत ने कहा कि आप यह समझेंगे कि जीताय या जंग के दौरान संघर्षों के दौरान बच्चों, महिलाओं या बुजुर्गों पर क्यों जुल्म ढाए जाते हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार, साल 2023 में दक्षिण एशिया में 69 हजार लोग विस्थापित हुए। जिनमें से 97 फीसदी यानी 67 हजार लोगों को मणिपुर हिंसा के कारण घर-बार छोड़कर जाना पड़ेगा। साल 2018 के बाद मणिपुर हिंसा के दौरान पहली बार इतनी बड़ी संख्या में विस्थापन देखने को मिला। मार्च 2023 में मणिपुर हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को मैतेई समुदाय को अनुसूचित जाति में शामिल करने के लिए सिफारिशें भेजने के लिए कहा था। जिसके बाद कुकी समुदाय ने मणिपुर के पहाड़ी जिलों में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।