UP Politics: भाजपा के इस 'ब्रह्मास्त्र' से उड़ सकती है मायावती की नींद, दलित वोट बैंक पर राजनीतिक पार्टियों ने जमाई नजर

LSChunav     Apr 07, 2023
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UP Politics: भाजपा के इस ब्रह्मास्त्र से उड़ सकती है मायावती की नींद, दलित वोट बैंक पर राजनीतिक पार्टियों ने जमाई नजर

नगर निकाय चुनाव और आगामी लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर भाजपा ने दलित वोट बैंक में सेंध लगाने का प्रयास तेज कर दिया है। पार्टी ने दलितों तक अपनी पैठ जमाने के लिए कई कार्यक्रमों की शुरूआत की है। बता दें कि दलित वोटबैंक मायावती के हिस्से में जाता है।

साल 2024 में लोकसभा चुनाव को मद्देनजर रखते हुए बीजेपी ने दलित समुदाय में पैठ मजबूत करने का प्रयास शुरू कर दिया है। बता दें कि बीजेपी 6 अप्रैल से 14 अप्रैल तक बाबा साहब की जयंती तक 'सामाजिक न्याय सप्ताह' मनाया जा रहा है। इस दौरान बीजेपी का प्रयास है कि राज्य की करीब 22 फीसदी आबादी वाले दलित समुदाय को अपने साथ लाया जा सके। इसी महीने में प्रदेश में निकाय चुनाव की भी घोषणा होनी है। इसी बहाने भाजपा बसपा प्रमुख मायावती के वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश कर रही है। बीजेपी के इस प्लान से मायावती की नींद जरूर उड़ सकती है।


मनाया जा रहा 'सामाजिक न्याय सप्ताह'

बीजेपी ने जानकारी देते हुए बताया कि पार्टी ने बूथों पर पार्टी का ध्वज फहराकर ‘सामाजिक न्‍याय सप्ताह’ का शुरुआत की है। इस दौरान सहभोज कार्यक्रम, अनुसूचित जनजाति (एसी) युवाओं के लिए सम्मेलन, चिकित्सा शिविर, जैविक खेती पर जनजागरण, एसी महिलाओं के साथ सहभोज, स्वच्छता अभियान, जलाशयों की सफाई एवं पौधरोपण और भीम राव अंबेडकर जयंती के मौके पर सभी बूथों में संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा।


2024 लोकसभा चुनाव

आज यानि की 7 अप्रैल से 9 अप्रैल तक कौशांबी से भाजपा सांसद और पार्टी की अनुसूचित जाति मोर्चा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष विनोद सोनकर कौशांबी महोत्सव का आयोजन कर रहे हैं। इस कार्यक्रम में गृहमंत्री अमित शाह के भी शामिल होने की उम्मीद जताई जा रही है। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं एमएलसी विजय बहादुर पाठक ने बताया कि बीजेपी साल के 365 दिन काम करने वाली पार्टी है। वह जनता के दुख-सुख के समय में लोगों के साथ खड़ी रहने वाली अकेली पार्टी है। हालांकि बीजेपी के इस कदम का लाभ पार्टी को निकाय चुनाव और आगामी लोकसभा चुनाव में मिल सकता है।


इस वोट बैंक पर सबकी नजरें

राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो सपा और भाजपा की नजरें दलितों की पैरोकार बहुजन समाज पार्टी के वोटबैंक पर टिकी हुई हैं। हालांकि बसपा को विधानसभा चुनाव 2022 में सिर्फ एक सीट मिली थी। वहीं सभी दलों में निकाय चुनाव के मद्देनजर दलितों को साधने की होड़ मची हुई है। राज्य में 22 फीसदी दलितों की आबादी है। वहीं बसपा प्रमुख ने दलित वोट बैंक बचाने के लिए विरोधी पार्टी पर हमला बोलते हुए कहा कि अन्य पार्टियां दलितों को गुमराह करने का काम कर रही हैं। इसलिए लोगों को सावधान रहने की जरूरत है। 


सपा और कांग्रेस ने इन्हें सौंपी कमान

दलित वोट बैंक को साधने का प्रयास समाजवादी पार्टी भी कर रही है। इसी कड़ी में अक्सर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव दलित महापुरुषों के प्रति आदर भाव प्रकट करते दिखाई देते हैं। सपा प्रमुख ने दलित वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए कभी मायावती के करीबी रहे अनुसूचित जाति के नेता मिठाई लाल को यह जिम्मेदारी सौंपी है। इसके अलावा कांग्रेस ने दलितों को साधने का लक्ष्य उसी समाज के बृजलाल खाबरी को दिया है। बता दें कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी दलित समाज से ताल्लुक रखते हैं।


भाजपा ने सपा पर लगाया गंभीर आरोप

उत्तर प्रदेश भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष रामचंद्र कनौजिया ने सपा और कांग्रेस पर निशाना साधा है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि पार्टी द्वारा आयोजित संगोष्ठी में जनता को बताया जाएगा कि किस तरह से साल 1995 में बीजेपी ने मायावती की जान बचाई थी। साथ ही कैसै बीजेपी ने मायावती को सपा के गुंडो से बचाया था। कनौजिया ने सपा मुखिया अखिलेश पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह काशीराम की प्रतिमा का अनावरण कर  छद्म राजनीति कर रहे हैं।