Andaman Nicobar Security: भारत से छिपाकर चीन ने तैयार किया विदेशी सैन्य अड्डा, खतरे में आया अंडमान-निकोबार
भारत को घेरने के लिए चीन ने एशिया के एक और देश में अपना सैन्य अड्डा स्थापित कर लिया है। पहले की तुलना में यह सैन्य अड्डा अब काफी बड़ा और विस्तारित नजर आ रहा है। भारत के अंडमान निकोबार द्वीपसमूह से कंबोडिया का रीम नौसैनिक अड्डा सिर्फ 1200 किलोमीटर दूर है।
भारत को घेरने के लिए चीन ने एशिया के एक और देश में अपना सैन्य अड्डा स्थापित कर लिया है। पहले की तुलना में यह सैन्य अड्डा अब काफी बड़ा और विस्तारित नजर आ रहा है। हाल ही में सैटेलाइट तस्वीरों से इस मामले का खुलासा हुआ है कि कंबोडिया के रीम नौसैनिक अड्डे को चीन ने पूरी तरह से विकसित कर लिया है। इस अड्डे पर युद्धपोतों के रुकने के लिए पहले से ज्यादा बड़े हैंगर, हथियार डिपो, पनडुब्बियों के रुकने के लिए अडंरग्राउंड सुरंग और नौसैनिकों के लिए रहने व काम करने के लिए नई बिल्डिंगे बनाई जा रही हैं।
आपको बता दें कि भारत के अंडमान निकोबार द्वीपसमूह से कंबोडिया का रीम नौसैनिक अड्डा सिर्फ 1200 किलोमीटर दूर है। ऐसे में चीन शक्तिशाली रडार के जरिए भारत के अंडमान की जासूसी कर सकता है। इसके अलावा पहले की तुलना में और अधिक तेजी से चीनी नौसैना इस नौसैनिक अड्डे से मलक्का जलडमरूमध्य के जरिए हिंद महासागर में प्रवेश कर सकती है। क्योंकि कंबोडिया के पास इस बंदरगाह के पास ही थाईलैंड क्रा कनाल परियोजना पर काम किया जा रहा है। ऐसे में अगर थाइलैंड की यह परियोजना सफल होती है, तो चीन को हिंद महासागर या अंडमान-निकोबार तक पहुंचना आसान हो जाएगा। इससे भारत को भी खतरा हो सकता है।
सैटेलाइट तस्वीरों से यह साफ होता है कि रीम नौसैनिक अड्डा पहले की तुलना में कहीं अधिक बड़ा और हाईटेक टेक्नोलॉजी से लैस है। क्योंकि यहां पर नई सूखी गोदी का निर्माण इसका स्पष्ट प्रमाण है। नए चीनी नौसैनिक अड्डे के निकट एक खाली भूमि पर सूखी गोदी का निर्माण किया जाता है। वहीं कंबोडिया ने दावा किया है कि चीन की सहायता से रीम नौसैनिक अड्डे का पुनर्निर्माण अपनी नौसेना के लिए है। लेकिन वहीं कई देशों का मानना है कि चीन इस नौसैनिक अड्डे का इस्तेमाल दक्षिण चीन सागर और हिंद महासागर पर नजर रखने और मिलिट्री ऑपरेशन में करने वाला है।