दिल्ली ब्लास्ट की जांच पश्चिम बंगाल तक, NIA ने पकड़ा टेरर मॉड्यूल का बड़ा खिलाड़ी

दिल्ली के लाल किला ब्लास्ट की जांच अब पश्चिम बंगाल तक पहुंच गई है, जहां एनआईए ने आतंकी मॉड्यूल के बड़े खिलाड़ी साबिर अहमद और अन्य संदिग्धों से पूछताछ शुरू की है। यह आतंकी हमला जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े होने का संदेह है, जिसमें हवाला के जरिए फंडिंग का खुलासा हुआ है।
10 नवंबर 2025 को दिल्ली के लाल किले के पास ब्लास्ट हुआ है, जिसकी जांच अभी तक चल रही है। जांच में पता चला है कि यह एक आंतकी हमला है। अब इसकी जांच दिल्ली से लेकर पश्चिम बंगाल तक पहुंच गई है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) कोलकाता की प्रेसीडेंसी जेल में बंद एक आरोपी से पूछताछ कर रही है। इसके अलावा दो और आरोपियों से पूछताछ चल रही है। इनमें से एक महिला है। एक आरोपी साबिर अहमज पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के पलाशीपारा इलाके का रहने वाला है। इस समय वह ड्रग्स के मामले में प्रेसीडेंसी जेल में बंद है।
इसके अलावा, आरोपी साबिर अहमद के भाई फैसल अहमद को गुरुवार को रात विशेष कार्य बल ने आंतकी नेटवर्क के संबंध में पूछताछ की है। यह माना जा रहा है कि भाई के आंतकी नेटवर्क से कथित संबंधों के लिए हिरासत में लिया गया है।
तानिया परवीन कौन है
मार्च 2020 में गिरफ्तार लश्कर-ए-तैयबा की हैंडलर तानिया परवीन को भारत में सक्रिय आतंकी मॉड्यूल की बड़ी साजिशों की जानकारी रखने वाली माना जाता है। कोलकाता स्थित मौलाना आज़ाद कॉलेज की यह छात्रा ईरान, इराक और ट्यूनीशिया के करीब 20 वॉट्सऐप ग्रुपों से जुड़ी हुई थी और इनमें शामिल होने के लिए वह एक पाकिस्तानी नंबर का उपयोग करती थी। बंगाल की विशेष कार्य बल द्वारा गिरफ्तारी के बाद परवीन को आगे की जांच के लिए एनआईए के हवाले कर दिया गया। इस समय अलीपुर महिला सुधार गृह में बंद परवीन उन समूहों का हिस्सा थी, जो मौलाना मसूद अजहर की बहन, जैश की महिला शाखा की प्रमुख सईदा अजहर के निर्देशों पर काम करती थी। आपको बता दें कि, परवीन कथित तौर पर आतंकवादियों के लिए ऑनलाइन भर्ती का काम संभालती थी और उसकी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।
साबिर अहमद के भाई पर शिकंजा
नदिया के पलाशीपारा के रहने वाले साबिर अहमद नशीले पदार्थों से जुड़े एक मामले में प्रेसीडेंसी सुधार गृह में बंद हैं। इसी बीच, एनआईए (NIA) ने पलाशीपारा के नालदाहा गांव में छापेमारी कर उनके भाई फैजर अहमद को हिरासत में लिया है।
हालांकि अब सोशल मीडिया पर जैश-ए-मोहम्मद या लश्कर-ए-तैयबा के लिए खुलकर प्रचार नहीं किया जाता, लेकिन खुफिया एजेंसियां भारत में सक्रिय आतंकी मॉड्यूल के साथ इनके संभावित संबंधों और 10 नवंबर को लाल किले के पास हुए कार ब्लास्ट में किसी तरह की भूमिका (यदि हो) की दिशा में तीनों की गतिविधियों की जांच कर रही हैं। इस समय दिल्ली कार ब्लास्ट केस की जांच एनआईए के हाथों में है। इस आतंकी हमाले को लेकर रविवार को जांच में पाया गया था कि संदिग्ध आंतकवादियों को हवाला के जरिए आंतकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने पैसे भेजे थे।



