Namaste Scheme: भारत सरकार ने सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई के लिए तैयार की नमस्ते योजना, जानिए कैसे कम होगा मौत का आंकड़ा

अनन्या मिश्रा     Sep 23, 2023
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Namaste Scheme: भारत सरकार ने सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई के लिए तैयार की नमस्ते योजना, जानिए कैसे कम होगा मौत का आंकड़ा

भारत सरकार के लिए सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान होने वाली मौतें लंबे समय से चिंता का विषय बनी हैं। मौत के आंकड़ों को शून्य पर लाने के लिए सरकार द्वारा नमस्ते योजना तैयार की गई है।

भारत सरकार के लिए सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान होने वाली मौतें लंबे समय से चिंता का विषय बनी हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले 5 सालों के अंदर भारत में सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान 347 लोगों की मौत हो गई। इनमें उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और दिल्ली में 40 फीसदी लोगों की मौत हुई। एक आंकड़े के मुताबिक सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान साल 2017 में 92, 2018 में 67, 2019 में 116, 2020 में 19, 2021 में 36 और 2022 में 17 मौतें हुईं।


प्राप्त जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश में सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान 47, तमिलनाडु में 43 और दिल्ली में 42 श्रमिक काल के गाल में समा गए। वहीं महाराष्ट्र में 30, गुजरात में 28, पश्चिम बंगाल में 19, पंजाब में 14, हरियाणा में 36 मौतें, कर्नाटक में 26 और राजस्थान में 13 मौतें हुई हैं। साल 2017 में सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान 13 लोगों की मौत हो गई। बता दें कि भारत में सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई हाथ से करना बैन है।


जानिए क्या है नमस्ते योजना

मौत के बढ़ते आंकड़ों को देखते हुए सरकार ने 'नेशनल एक्शन प्लान फॉर मैकेनाइज्ड सेनिटेशन इकोसिस्टम' यानी की नमस्ते योजना तैयार की है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान होने वाली मौतों की संख्या को शून्य पर लाना है। अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार और आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय की एक संयुक्त परियोजना है। इस योजना के लिए 100 करोड़ रुपए का प्रावधान भी किया गया है। 


नमस्ते योजना का मुख्य उद्देश्य

नमस्ते योजना के उद्देश्य के बारे में बात करें तो सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना का मुख्य उद्देश्य भारत में सफाई कार्य में होने वाले मौतों की संख्या को शून्य पर लाना है। इसके साथ ही इस योजना के तहत यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि स्किल्ड वर्कर द्वारा ही सभी तरह के सफाई कार्य किए जाएं। वहीं सभी सीवर और सेप्टिक टैंक सफाई वर्करों के पास ऑप्शनल वर्क का भी ऑप्शन होगा और सफाई कर्मचारी सीधे प्रदूषण के संपर्क में न आए।