CG Chunav 2023: भूपेश की वैतरणी को कैसे पार लगाएंगे गाय और राम, सीएम ने राज्य में छीन लिए BJP के मुद्दे
बीजेपी के चुनावी नोटबुक में राम और गाय दो ऐसे विषय हैं, जो सबसे ऊपर रहते हैं। चुनाव के दौरान गाय और राम कोर मुद्दों के रुप में सामने आते रहे हैं। हांलाकि यह मुद्दा बीजेपी का है, लेकिन इस बार छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने यह मुद्दे उठाए हैं।
बीजेपी के चुनावी नोटबुक में राम और गाय दो ऐसे विषय हैं, जो सबसे ऊपर रहते हैं। चुनाव के दौरान गाय और राम कोर मुद्दों के रुप में सामने आते रहे हैं। हांलाकि यह मुद्दा बीजेपी का है, लेकिन इस बार छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने यह मुद्दे उठाए हैं। इस बार चुनाव के दौरान कांग्रेस नेता के मुंह से राम और गाय का नाम सुनने को मिल रहा है। कांग्रेस की सभाओं में गाय, गौमूत्र और गाय के गोबर की बात की जा रही है। भगवान राम और मां कौशल्य की बात होती है। लेकिन ऐसे में सवाल यह है कि क्या गाय और राम के मुद्दे से भूपेश बघेल को चुनावी लाभ मिल सकेगा।
बता दें कि गाय और राम के माध्यम से बीते पांच सालों में भूपेश बघेल की सरकार ने एक साफ्ट हिंदुत्व की राजनीति की है। इसके अलावा खुद सीएम आंचलिक त्योहारों को मुख्यमंत्री आवास में मनाते हुए दिखे हैं। लेकिन राजनीतिक जानकारों की मानें तो कांग्रेस द्वारा धर्म और संस्कृति का यह कोलाज बीजेपी को असहज करने का काम कर रहा है। इसे कांग्रेस की बदली हुई राजनीति के तौर पर मुक्तिबोध कहा जा रहा है। बाकी राज्यों में राम के नाम से असहज दिखने वाली कांग्रेस ने यहां पर बिलकुल नया अप्रोच लिया है।
अन्य राज्यों में धर्म की राजनीति पर ध्रुवीकरण करने वाली बीजेपी को भूपेश ने उन्हें यहां पनपने नहीं दिया। भूपेश बघेल बीते पांच सालों में लगातार गाय और राम पर कुछ न कुछ ऐसा करती रही है। जिसके कि जनता के बीच वह विषय जिंदा रह सके। सीएम कहते हैं कि गाय की तरह भगवान राम भी उनके लिए राजनीति नहीं है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ किसानों का राज्य है जिसमें पशुओं को सम्मान के साथ देखा जाता है। वहीं श्रीराम की माता कौशल्या का मायका छत्तीसगढ़ में हैं। इस तरह से छत्तीसगढ़ श्रीराम का ननिहाल है।
ऐसे में छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार इसी प्रयास में है कि चुनावी दौर में बीजेपी राम मंदिर का मुद्दा उठाकर किसी तरह का राजनीतिक लाभ ना ले पाए। हांलाकि अब चुनावी परिणाम ही बताएंगे कि कांग्रेस का यह पैतरा कितना सफल हुआ है। बीजेपी धर्म के नाम पर राजनीतिक लाभ ना उठा पाए इसलिए भूपेश सरकार ने राम के साथ एक रिश्तेदारी जोड़ने की कोशिश की है।
कांग्रेस के लिए क्यों जरूरी राम और गाय
गाय के मामले में भूपेश सरकार सेवा भाव का रुख दिखाया है। सरकार ने कामयाबी से राम के मुद्दे को अपने पाले में कर लिया है। भूपेश सरकार छत्तीसगढ़ में राम वनगमन पथ के जरिए राम मुद्दे को अपने साथ करने में कामयाब रही है। इसके अलावा राज्य सरकार ने रायपुर से 20 किलोमीटर दूर माता कौशल्या के जन्मस्थल को भी विकसित किया है। हांलाकि राम का मुद्दा राजनीति में दशकों से जीवित है। ऐसे में बीजेपी कांग्रेस की इस रणनीति का कैसे काट करती है और सीएम बघेल को इससे कैसे फायदा पहुंचता है। यह तो चुनाव के परिणाम आने पर साफ हो जाएगा।