मुंबई बस हादसा: फुटपाथ पर अतिक्रमण ने ली 4 की जान, चश्मदीदों का दर्दनाक बयान

भांडुप रेलवे स्टेशन के पास फुटपाथ पर फेरीवालों के अतिक्रमण के कारण सड़क पर लोगों की भीड़ जमा थी, जिस कारण सोमवार रात एक बेस्ट बस ने चार राहगीरों को कुचल दिया, जिनमें तीन महिलाएं थीं, जिससे 9 अन्य घायल हो गए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, भीड़भाड़ और सड़क पर बाधाओं ने बस चालक के लिए स्थिति को और खतरनाक बना दिया, जिससे यह दुखद हादसा हुआ।
मुंबई में हुए बस हादसे को लेकर प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि फुटपाथ पर फेरीवालों का अतिक्रमण होने की वजह से लोगों को सड़क पर चलना पड़ रहा था। इसी दौरान यह दुर्घटना हुई, जिसमें चार लोगों की जान चली गई। सोमवार रात भांडुप इलाके में एक बेस्ट बस की चपेट में आने से तीन महिलाओं सहित चार लोगों की मौत हो गई, जबकि नौ अन्य लोग घायल हो गए।
'रेलवे स्टेशन के बाहर का इलाका होने के चलते यहां भारी भीड़ रहती है'
सोमवार को शाम हादसे के बाद चश्मीद ने बताया है कि भांडुप रेलवे स्टेशन के बाहर का इलाका हमेशा व्यस्त रहता है और कम कीमतों पर सब्जियां मिलने के चलते यहां और भी ज्यादा भीड़ रहती है। हादसे के चश्मदीद सैमिनी मुदलियार ने बताया, 'मैं पास के बस स्टॉप पर अपनी बस का इंतजार कर रही थी, तभी मुझे जोरदार धमाके की आवाज सुनाई दी। अगले ही पल, मैंने लोगों को बस की टक्कर से लोगों को हवा में उड़ते देखा और टक्कर के बाद बस थोड़ी आगे जाकर रुक गई।' उन्होंने बताया कि बस रुकने के कुछ ही पलों में, लोग रुकी हुई बस को उठाने और धकेलने लगे, जिससे पता चला कि कोई लोग उसके नीचे फंसे हुए थे।
मुदलियार ने कहा कि वह भी बस के पास पहुंचीं, जहां चारों ओर खून फैला हुआ था और कई शव पड़े थे। उन्होंने बताया कि एक व्यक्ति का सिर बुरी तरह कुचला हुआ था, मानो बस उसके ऊपर से निकल गई हो, जबकि दूसरे व्यक्ति को जांघ के पास गंभीर चोट लगी थी। यह दुर्घटना रात करीब 9:35 से 9:45 बजे के बीच हुई। उन्होंने यह भी बताया कि देर शाम ठेलेवालों और भारी भीड़ की वजह से भांडुप स्टेशन पर समाप्त होने वाली बसों को रेलवे स्टेशन के बाहर यू-टर्न लेने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
पिछले साल भी कुर्ला में ऐसा ही हादसा हुआ
पुलिस उपायुक्त हेमराज राजपूत ने बताया कि मृतकों में पैदल चल रहे लोग भी शामिल थे। मुदलियार ने कहा कि बेस्ट की इलेक्ट्रिक बस से जुड़ा यह दूसरा ऐसा मामला है, इससे पहले पिछले साल कुर्ला में भी इसी तरह की दुर्घटना हुई थी, जिसमें नौ लोगों की जान चली गई थी। उन्होंने इन घटनाओं की निष्पक्ष और गहन जांच की मांग की, ताकि भविष्य में निर्दोष लोगों को इस तरह अपनी जान न गंवानी पड़े। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस को यह जांच करनी चाहिए कि बस चालक, जिसकी पहचान बाद में संतोष सावंत के रूप में हुई, हादसे के समय नशे की हालत में तो नहीं था।



