छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: 2800 करोड़ की धांधली, ईडी ने पूर्व एक्साइज कमिश्नर समेत 100 करोड़ की संपत्ति कुर्क की

दिव्यांशी भदौरिया     Dec 31, 2025
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छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: 2800 करोड़ की धांधली, ईडी ने पूर्व एक्साइज कमिश्नर समेत 100 करोड़ की संपत्ति कुर्क की

प्रवर्तन निदेशालय ने छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में बड़ी कार्रवाई करते हुए 100 करोड़ से अधिक की संपत्तियां जब्त की हैं, जिसमें पूर्व एक्साइज कमिश्नर और 30 अन्य अधिकारी शामिल हैं। यह कार्यवाही 2019-2023 के बीच हुए 2,800 करोड़ रुपए के कथित शराब घोटाले की जांच का हिस्सा है, जहां एक संगठित गिरोह ने आबकारी विभाग पर नियंत्रण कर लिया था। जब्त की गई संपत्तियों में अचल संपत्तियां और विभिन्न निवेश शामिल हैं, जो अधिकारियों और प्रमुख डिस्टिलरीज की मिलीभगत को दर्शाते हैं।

मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय ने छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में बड़ा एक्शन लेते हुए पूर्व एक्साइज कमिशनर निरंजन दास, 30 अन्य एक्साइज अधिकारियों और तीन प्रमुख डिस्टिलरीज की 100 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्तियां जब्त कर लीं। बता दें कि, यहकार्रवाई पूर्व कांग्रेस सरकार के समय हुए 2,800 करोड़ रुपए के कथित घोटाले की जांच का हिस्सा है।

ईडी के अनुसार, 2019 से 2023 के बीच राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों और प्रभावशाली राजनीतिक लोगों के एक संगठित गिरोह ने आबकारी विभाग पर पूरी तरह नियंत्रण कर लिया था। जांच के दौरान जब्त की गई संपत्तियों में कुल 78 अचल संपत्तियां शामिल हैं, जिनमें महंगे बंगले, उच्च श्रेणी के आवासीय परिसरों में फ्लैट, व्यावसायिक दुकानें और कृषि भूमि शामिल बताई गई हैं। इसके अलावा, 197 इनवेस्टमेंट्स भी अटैच किए गए, जिनमें फिक्स्ड डिपॉजिट, बैंक बैलेंस, लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी और शेयर-म्यूचुअल फंड का पोर्टफोलियो है।

कब हुए हैं घोटाले?

ईडी के अनुसार, कुल 38.21 करोड़ रुपए की संपत्तियां निरंजन दास और 30 अन्य एक्साइज अधिकारियों की हैं। दास एक आईएएस अधिकारी हैं। एजेंसी ने कहा कि यह जब्ती उन अधिकारियों की गहरी मिलीभगत को सामने लाती हैं। राज्य की राजस्व सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालते थे। वहीं, 68.16 करोड़ रुपए की संपत्तियां तीन प्रमुख छत्तीसगढ़ आधारित डिस्टिलरीज की है। इनके नाम छत्तीसगढ़ डिस्टिलरीज लिमिटेड, भाटिया वाइन मर्चेंट्स प्राइवेट लिमिटेड और वेलकम डिस्टिलरीज प्राइवेट लिमिटेड हैं।

नई चार्जशीट में सिंडिकेट का खुलासा

हाल ही में ईडी ने 26 दिसंबर को इस मामले को लेकर नई चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें 2019-2023 के बीच एक्साइज विभाग में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का जिक्र है। इससे 2,883 करोड़ रुपए के अपराध की आय का पता चला है। इस जांच में पता चला है कि एक सुव्यवस्थित आपराधिक सिंडिकेट ने राज्य की शराब नीति को व्यक्तिगत फायदे के लिए तोड़-मरोड़ दिया। कुल 81 लोगों को आरोपी बनाया गया है, जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल, निरंजन दास, पूर्व जॉइंट सेक्रेटरी अनिल तूतेजा (रिटायर्ड आईएएस), पूर्व एक्साइज मंत्री कवासी लाखमा और मुख्यमंत्री कार्यालय की पूर्व डिप्टी सेक्रेटरी सौम्या चौरसिया शामिल हैं। इसके अलावा रायपुर मेयर अयाज ढेबर के बड़े भाई अनवर ढेबर, तीनों डिस्टिलरीज और कुछ अन्य निजी व्यक्ति भी आरोपी हैं।