महाराष्ट्र में एक बार फिर आ सकता है राजनीतिक भूचाल, अजित पवार के भाजपा में शामिल होने की संभावनाएं

LSChunav     Apr 12, 2023
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महाराष्ट्र में एक बार फिर आ सकता है राजनीतिक भूचाल, अजित पवार के भाजपा में शामिल होने की संभावनाएं

अजित पवार महज कुछ दिन पहले ही अचानक सरकारी सुरक्षा छोड़ नॉट रिचेबल हो गए थे। इसके अगले दिन उन्होंने बताया था कि वह स्वस्थ नहीं थे। लेकिन अंजलि दामनिया के एक ट्वीट ने महाराष्ट्र की सियासत में हलचल पैदा कर दी है।

महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर से भूचाल आने की संभावना है। बताया जा रहा है कि जल्द ही अजित पवार NCP का साथ छोड़कर भाजपा का दामन थामने वाले हैं। बता दें कि यह दावा  सामाजिक कार्यकर्ता और पूर्व आम आदमी पार्टी की नेता अंजली दमानिया द्वारा किया गया है। दमानिया ने ट्वीट कर बताया कि उन्होंने बीजेपी का अगला प्लान बनाया है। दामनिया के इस ट्वीट से महाराष्ट्र की सियासत में जबरदस्त भूचाल आने की आशंका जताई जा रही है। 


दामनिया ने अपने ट्वीट में बताया कि वह किसी काम के सिलसिले में मंत्रालय पहुंची थीं। वहां पर दामनिया को एक व्यक्ति के दिलचस्प जानकारी देते हुए बताया कि बहुत जल्द शिवसेना के 15 विधायक अपात्र होकर अजित पवार के साथ चले जाएंगे। दामनिया ने ट्वीट कर लिखा कि अभी महाराष्ट्र में और कितनी राजनीतिक दुर्दशा होनी है। हालांकि दामनिया की बातें इस तरफ इशारा कर रही हैं। जिसके कुछ अपने कारण भी हैं।


जरअंदेश्वर शुगर फैक्ट्री घोटाला 

जरंदेश्वर शुगर फैक्ट्री घोटाला मामले की चार्जशीट में अजित पवार का नाम नहीं दर्ज किया गया है। इस मामले की जांच फिलहाल ईडी कर रही थी। ईडी ने जो आरोप पत्र अदालत में दायर किया है, उसमें NCP नेता अजित पवार और उनके परिवार का नाम शामिल नहीं है। हालांकि उद्धव गुट के सांसद संजय राउत ने इस मामले पर बताया कि अजित पवार और उनके परिवार का नाम शामिल होने का मतलब साफ है कि वह इस घोटाले में शामिल नहीं थे। लेकिन इसके बाद भी ED ने उन्हें जानबूझकर परेशान किया। 


नॉट रिचेबल

कुछ दिनों पहले अजित पवार ने अपनी सरकारी सुरक्षा को हटा दिया था। जिसके बाद वह नॉट रिचेबल हो गए थे। हालांकि एक बार यह चर्चा होने लगी थी कि कहीं फिर से  फडणवीस और अजित पवार के बीच कुछ खिचड़ी पक रही है।


अजीत पवार नहीं होते भाजपा पर हमलावर

अजित पवार के पिछले कुछ महीनों के बयानों पर नजर डाली जाए तो यह साफ पता चलता है कि वह भाजपा यानि की पीएम मोदी, अमित शाह, देवेंद्र फडणवीस पर सीधे तौर पर हमला करने से बचते हैं। जब हाल ही में विपक्ष पीएम मोदी की डिग्री को लेकर बवाल कर रहा था। उस दौरान पवार ने कहा था कि यह कोई मुद्दा नहीं है। देश में इससे भी बड़े-बड़े मुद्दे शामिल हैं, जिन पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है।


अजित पवार और फडणवीस की दोस्ती

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार की दोस्ती के बारे में तो पूरा महाराष्ट्र भलीभांति वाकिफ है। ऐसे में दोनों ने कभी भी एक-दूसरे पर सीधे तौर पर हमलावर नहीं हुए। आपको याद होगा कि तीन साल पहले फडणवीस और पवार ने मिलकर सरकार भी बनाई थी। जिसके बाद अजित पवार को सिंचाई घोटाले से भी राहत मिली थी।


शरद पवार ने अपनाया अलग रुख

NCP प्रमुख शरद पवार भी इन दिनों महाविकास अघाड़ी से खफा नजर आ रहे हैं। फिर चाहे पीएम की डिग्री का मुद्दा हो या सावरकर का या उद्धव ठाकरे का सीएम पद से इस्तीफा दिया जाना हो, इन सभी विषयों पर शरद पवार और अजित पवार ने अलग ही रुख अपनाया था।