उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले अखिलेश-जयंत की बड़ी बैठक, क्या यूपी में जाट-मुस्लिम समीकरण के बीच बैलेंस बनाने में होंगे कामयाब?

प्रिया मिश्रा     Jan 07, 2022
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उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले अखिलेश-जयंत की बड़ी बैठक, क्या यूपी में जाट-मुस्लिम समीकरण के बीच बैलेंस बनाने में होंगे कामयाब?

सूत्रों के अनुसार, सपा, रालोद को 30 से 32 सीटें दे सकती है, जिनमें से पांच से सात सीटों पर सपा के प्रत्याशी रालोद के चुनाव चिह्न पर खड़े हो सकते हैं। इसके साथ ही नेताओं ने राज्य के पश्चिमी हिस्से में जाट और मुस्लिम गठबंधन को मजबूत करने की बात पर भी चर्चा की।

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और राष्ट्रीय लोक दल प्रमुख चौधरी जयंत सिंह ने गुरुवार देर रात लखनऊ में एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में दो घंटे से अधिक समय तक नेताओं ने सीटों के बंटवारे के साथ-साथ उम्मीदवारों की सूची पर चर्चा की और अंतिम रूप दिया।

 

सूत्रों के अनुसार, सपा, रालोद को 30 से 32 सीटें दे सकती है, जिनमें से पांच से सात सीटों पर सपा के प्रत्याशी रालोद के चुनाव चिह्न पर खड़े हो सकते हैं। इसके साथ ही नेताओं ने राज्य के पश्चिमी हिस्से में जाट और मुस्लिम गठबंधन को मजबूत करने की बात पर भी चर्चा की। 

माना जा रहा है कि सपा-रालोद गठबंधन को जाट भूमि से समर्थन और वोट मिलने की उम्मीद है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि केंद्र द्वारा तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने के बाद किसान क्षेत्र के मतदाता किस पक्ष को चुनते हैं।

गौरतलब है कि दोनों दलों ने आगामी विधानसभा चुनावों के लिए अपने गठबंधन की घोषणा पहले ही कर दी थी, लेकिन सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप दिया जाना बाकी था। ट्विटर पर एक तस्वीर को साझा करते हुए अखिलेश यादव और जयंत सिंह ने अपनी मुलाकात के बारे में घोषणा की।

 

बता दें कि रालोद ने 2002 के चुनावों में भाजपा के साथ गठबंधन में चुनावी मैदान में प्रवेश किया। इस चुनाव में रालोद ने 14 सीटें (2 फीसदी वोट) जीती थीं। 2007 में रालोद अकेले चुनावी मैदान में उतरी थी। इस चुनाव में पार्टी ने 10 सीटों पर जीत हासिल की, जबकि उनका वोट प्रतिशत बढ़कर 4 फीसदी हो गया। 2012 के चुनावों में, रालोद ने कांग्रेस के साथ गठबंधन में चुनावी मैदान में प्रवेश किया और 9 सीटें (2 प्रतिशत वोट) जीतीं। 2017 में, रालोद ने एक बार फिर अकेले चुनाव लड़ा और केवल एक सीट जीती।