Uttar Pradesh Economy 2023: वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की राह पर यूपी, एक नजर में समझें पूरा लेखा-जोखा

अनन्या मिश्रा     Nov 06, 2023
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Uttar Pradesh Economy 2023: वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की राह पर यूपी, एक नजर में समझें पूरा लेखा-जोखा

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था को गति देने के प्रयास रंग ला रहे हैं। कोरोना महामारी की तगड़ी चोट से उबरने के बाद योगी सरकार सूबे की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर का आकार देने के प्रयासों को सराकात्मक परिणाम मिलने शुरू हो गए हैं।

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था को गति देने के प्रयास रंग ला रहे हैं। कोरोना महामारी की तगड़ी चोट से उबरने के बाद योगी सरकार सूबे की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर का आकार देने के प्रयासों को सराकात्मक परिणाम मिलने शुरू हो गए हैं। जहां इन्वेस्टर्स समिट के जरिये निवेश की बूस्टर डोज पाने वाली यूपी को को एक जिला एक उत्पाद योजना का साथ बहुत भाया है। राज्य सरकार के सुनियोजित प्रयासों के फलस्वरूप उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था ने लंबी छलांग लगाई है।


उप्र का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी)

साल 2020-21 में यूपी का सकल राज्य घरेलू उत्पाद 16,45,317 करोड़ रुपये था। वहीं वर्ष 2021-22 में इसमें करीब 20% की वृद्धि के साथ 19,74,532 करोड़ रुपये हो गया है। इसके साथ ही वित्तीय वर्ष 2022-23 में अग्रिम अनुमानों के आधार पर सकल राज्य घरेलू उत्पाद 21.91 लाख करोड़ पहुंच गया है। बता दें कि किसी राज्य की जीएसडीपी एक निश्चित समयावधि में उत्पादित सभी वस्तुओं और सेवाओं के मूल्यों को पदर्शित करता है। जो राज्य की अर्थव्यवस्था के आकार को दिखाने का काम करता है।


नियोजन विभाग के कामकाज की समीक्षा

सीएम योगी ने नियोजन विभाग के कामकाज की समीक्षा करते हुए अर्थव्यवस्था को गति देने की कोशिशों को जारी ऱखने पर जोर दिया। साथ ही बुंदेलखंड को और पूर्वांचल क्षेत्र में विकास की अपार संभावनाओं टटोलने पर जोर दिया। कौन से सेक्टर में प्रयास की जरूरत है, किस प्रकार की सहायता दी जानी चाहिए। इसके साथ ही विश्वविद्यालयों/तकनीकी संस्थाओं को इस कार्य से जोड़ना होगा।


इन जिलों ने किया उत्कृष्ट प्रदर्शन

आकांक्षात्मक जिला कार्यक्रम के तहत प्रदेश के सभी चिन्हित जिलों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। बता दें कि मई 2023 की सूचना के अनुसार नीति आयोग के डैशबोर्ड चैम्पियंस आफ चेंज पर समग्र रूप से देश के प्रथम 10 जिलों में उप्र के छह जिले शामिल हैं। जिनमें पहले नंबर पर बलरामपुर, दूसरे नंबर पर सिद्धार्थनगर, चौथे नंबर पर सोनभद्र, पांचवें नंबर पर चंदौली, आठवें नंबर पर फतेहपुर और नौंवे नंबर पर बहराइच है। 


स्वास्थ्य एवं पुष्टाहार के क्षेत्र में देश के प्रथम 10 जिलों में उत्तर प्रदेश के 5 जिले शामिल हैं। इस लिस्ट में बलरामपुर को तीसरा, सिद्धार्थनगर को चौथा, चंदौली को पांचवां, सोनभद्र को सातवां व श्रावस्ती आठवां स्थान मिला है। इसके अलावा शिक्षा के क्षेत्र में देश के प्रथम 10 जिलों में भी यूपी के 5 जिलों का नाम शामिल हैं। इनमें बलरामपुर पहले, सोनभद्र सातवें, श्रावस्ती आठवें, सिद्धार्थनगर नौवें और चित्रकूट दसवें स्थान पर हैं।


यूपी की तरक्की में कृषि का योगदान

बता दें कि यूपी के सकल राज्य मूल्य में कृषि क्षेत्र का 26 फीसदी योगदान है। उद्योगों की हिस्सेदारी जीएसवीए में 2020-21 में 25 फीसदी रही है। लेकिन अब उम्मीद जताई जा रही है कि यूपी में हुए ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट में 33.5 लाख करोड़ रुपये के निवेश किए गए प्रस्ताव के माध्यम से इसमें बड़ा उछाल आ सकता है। राज्य की अर्थव्यवस्था में सर्विस सेक्टर का योगदान 49 फीसदी है।


रेलवे का बड़ा नेटवर्क

मालगाड़ियों से सामान ढुलाई की आवाजाही के फ्रेट कॉरिडोर में उत्तर प्रदेश बीच की लोकेशन है। ऐसे में सूबे को ईस्टर्न और वेस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर का बड़ा लाभ मिलेगा। यूपी को रेलवे बजट मे भी 16 हजार करोड़ रुपये से अधिक का बड़ा हिस्सा मिला है।


मैन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहन

केंद्र की प्रोडक्शन लिंक्ड इनसेंटिव स्कीम और इलेक्ट्रानिक्स इंडस्ट्री का लाभ योगी आदित्यनाथ सरकार ने नए निवेशकों को देने के लिए नोएडा और गाजियाबाद समेत अन्य सभी जिलों में औद्योगिक इकाइयों को छूट दी है। वर्तमान समय में आज मोबाइल और अन्य इलेक्ट्रानिक्स सामान के लिए नोएडा मैन्युफैक्चरिंग का बड़ा हब है।