कोऑपरेटिव बैंक घोटाला क्या है? जिसमें ईडी लालू यादव के करीबी अलोक मेहता तक पहुंच गए
आपको बता दें कि, अलोक मेहता के पिता तुलसी दास मेहता ने बिहार में एक कोऑपरेटिव बैंक खोला था जिसमें लगभग 85 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप है। नियमों को भूलकर मेहता से जुड़े लोगों को पैसे देने और गबन का आरोप है।
बिहार में वैशाली शहरी विकास कोऑपरेटिव बैंक में करीब 85 करोड़ के घोटाला किया है। इसको लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम आरजेडी के बड़े नेता और लालू यादव व तेजस्वी यादव के करीबी आलोक मेहता के घर समेत चार राज्यों में 19 ठिकानों पर शुक्रवार को छाफा मारा जा चुका है। वहीं, जून 2023 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बैंक के ग्राहकों की शिकायत पर शुरुआती जांच में गड़बड़ी को देखते हुए इस बैंक के लेन-देन पर रोक लगा दी है। आपको बता दें कि इस मामले को लेकर हाजीपुर में तीन प्राथमिकी दर्ज की गई थी। उसी केस मद्देनजर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला पकडा और उसकी जांच के सिलसिले में पटना और हाजीपुर में 9, कोलकाता में 5, वाराणसी में 4 और दिल्ली में 1 ठिकाने पर रेड चल रही है।
37 साल पहले वैशाली शहरी विकास कोऑपरेटिव बैंक की स्थापना हुईं थीं
दरअसल, वैशाली शहरी विकास कोऑपरेटिव बैंक की स्थापना आलोक मेहता के पिता तुलसीदास मेहता ने लगभग 37 साल पहले की थी। तुलसीदास मेहता कई बार विधायक और राज्य सरकार में मंत्री बन चुके थे। बता दें कि, तुलसी का 2019 में निधन हो गया था। आलोक मेहता ने उनके बाद बैंक की बागडोर संभाली थी। जब बैंक घोटाले की बात सामने आई तो बैंक से हट गए। अब उनके भतीजे संजीव कुमार बैंक के चेयरमेन हैं। बैंक की साइट पर संजीव के मैसेज में 2021-22 के एजीएम में पेश रिपोर्ट है। पिछले 5 वित्तीय वर्ष में बैंक का शुद्ध मुनाफा चार साल 1 करोड़ से ऊपर दिखाया गया है।
बैंक के पास करीब 24 हजार ग्राहक हैं जो 2023 के नवंबर में घपले की बात सामने आने के बाद ही आलोक मेहता के ठिकानों पर गए और वहां ताला मार दिया था। इतना ही नहीं, बैंक पर आरोप है कि लिच्छवी कोल्ड स्टोरेज प्राइवेट लिमिटेड और महुआ कोऑपरेटिव कोल्ड स्टोरेज को लगभग 60 करोड़ का लोन दबा लिया। वहीं, ये दोनों कंपानियां मेहता परिवार से जुड़ी हैं और इन्हें कर्ज देने में नियमों का पालन नहीं किया गया। इसके साथ ही लगभग 30 करोड़ रुपए फर्जी पहचान पत्र और फर्जी एलआईसी पेपर के आधार पर निकालने का आरोप लगा है। इन मामलों में अब ईडी घुसी है।