कौन हैं MP भाजपा प्रभारी पी मुरलीधर राव? जिनके ब्राह्मण, बनिया वाले बयान पर खड़ा हो गया है बवाल

Priya Mishra     Nov 10, 2021
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कौन हैं MP भाजपा प्रभारी पी मुरलीधर राव? जिनके ब्राह्मण, बनिया वाले बयान पर खड़ा हो गया है बवाल

मुरलीधर राव ने जनवरी 2009 में भाजपा की सदस्यता ली थी, उस समय राजनाथ सिंह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। 2010 में नितिन गडकरी ने उन्हें राष्ट्रीय सचिव बनाया और 1 मार्च 2013 को उन्हें भाजपा का महासचिव नियुक्त किया गया।

भाजपा के महासचिव पी मुरलीधर राव ने सोमवार को ब्राह्मण और बनिया को लेकर एक ऐसा बयान दिया है जिससे विवाद खड़ा हो गया है। अपने इस कथित बयान के बाद मध्य प्रदेश में पार्टी के प्रभारी राव, विपक्षी दल कांग्रेस के निशाने पर आ गए। दरअसल, भाजपा नेता पी मुरलीधर राव ने सोमवार को कहा कि ब्राह्मण और बनिया मेरी दो जेबों में हैं... जब ब्राह्मण कार्यकर्ता थे तो इसे ब्राह्मणों की पार्टी कहा जाता था। जब बनिया कार्यकर्ता थे तो इसे बनियाओं की पार्टी कहा जाता था।।। भाजपा सबके लिए होगी। कांग्रेस ने भाजपा से माफी मांगने की मांग की जबकि बाद में राव ने दावा किया कि विपक्षी दल ने उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया है। 

ब्राह्मण और बनियों से माफी मांगे भाजपा

कमलनाथ ने कहा कि सबका साथ सबका विकास का नारा देने वाली भाजपा के मध्य प्रदेश के प्रभारी कह रहे है कि हमारी एक जेब में बनिया है, एक जेब में ब्राह्मण है। यह तो इन वर्गों का घोर अपमान है, भाजपा के मुताबिक ये वर्ग उनकी बपौती है, उनकी जेब में है। उन्होंने कहा कि जिस वर्ग के नेताओ ने भाजपा को खड़ा करने में अपनी महती भूमिका निभायी है, उन वर्गों का यह कैसा सम्मान…? भाजपा के नेता सत्ता के नशे व अहंकार में चूर हो गए है। यह तो पूरे बनिया व ब्राह्मण वर्ग का अपमान है। भाजपा नेतृत्व इसके लिये इन वर्गों से अविलंब माफ़ी मांगे। 

कमलनाथ ने कहा कि जो लोग सबका साथ सबका विकास का नारा देते है, वो आज एक वर्ग को फ़ोकस करने की बात कर रहे है और दो वर्गों का खुलेआम अपमान कर रहे है, इनकी यह कैसी मानसिकता, कैसी सोच…? सत्ता की हवस के लिये भाजपा किसी भी हद तक जा सकती है, इनकी नीति, नियत, सिद्धांत सब सत्ता तक ही सीमित है।

कैसे खड़ा हुआ विवाद ?

भाजपा प्रदेश कार्यालय में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए पी मुरलीधर राव ने सोमवार को कहा था कि भाजपा और उसकी सरकारें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों को वोट बैंक के रुप में नहीं देख रहीं बल्कि उनके पिछड़ेपन, रोजगार और शिक्षा जैसी मूलभूत जरूरतों को दूर करने पर विशेष ध्यान देने जा रही हैं।  इसी बीच पत्रकारों ने पी मुरलीधर राव से पूछा कि भाजपा के बारे में यह धारणा है कि यह ब्राह्मणों और बनियों की राजनीतिक पार्टी है और अब वह एसटी/एससी वर्ग पर ध्यान देने की बात कर रही है जबकि भाजपा का नारा सबका साथ, सबका विकास है। इसी सवाल के जवाब में पी मुरलीधर राव ब्राह्मणों और बनियों के जेब में होने की बात कह गए।

कौन है पी मुरलीधर राव? 

पोलसानी मुरलीधर राव (पी.मुरलीधर राव), एक भारतीय राजनीतिक कार्यकर्ता और राजनीतिज्ञ हैं। उन्होंने 2013 से 2020 तक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महासचिव के रूप में कार्य किया। भाजपा में शामिल होने से पहले, राव स्वदेशी जागरण मंच में सक्रिय थे, जहाँ वे इसके संगठन सचिव थे। 

 

पी मुरलीधर राव  राजनीतिक सफर 

पी मुरलीधर राव ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में प्रचारक के रूप में की थी। उन्होंने वारंगल और हैदराबाद में एबीवीपी का नेतृत्व किया। वह 1984 में उस्मानिया विश्वविद्यालय छात्र संघ के महासचिव थे। इसके बाद एबीवीपी ने उन्हें 1987 में राजस्थान में प्रतिनियुक्त किया। उनके उल्लेखनीय आयोजन कौशल के लिए उन्हें स्वर्गीय भैरों सिंह शेकावत का सम्मान दिया गया था। उन्होंने अपनी छवि हिंदूवादी नेता की रही है और इसके कई उदाहरण हमें देखने को मिल चुके हैं।1991 में एबीवीपी ने उन्हें जम्मू-कश्मीर भेज दिया, जहाँ उन्होंने कट्टरपंथी ताकतों के खिलाफ युवाओं को एकजुट किया।

स्वदेशी जागरण मंच

उन्होंने स्वदेशी जागरण मंच चलाने में आरएसएस नेताओं - दत्तोपंत ठेंगड़ी, मदन दास और एस गुरुमूर्ति की सहायता की, जो भारतीय ग्रामीण अर्थव्यवस्था को वैश्वीकरण के हमले से बचाने के लिए एक आंदोलन था।

भारतीय जनता पार्टी

मुरलीधर राव ने जनवरी 2009 में भाजपा की सदस्यता ली थी, उस समय राजनाथ सिंह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। 2010 में नितिन गडकरी ने उन्हें राष्ट्रीय सचिव बनाया और 1 मार्च 2013 को उन्हें भाजपा का महासचिव नियुक्त किया गया। 2014 के लोकसभा चुनावों के बाद राजनाथ सिंह के केंद्रीय गृह मंत्री बनने के बाद मुरलीधर राव भाजपा अध्यक्ष पद के लिए भी विवाद में थे। 2019 में उन्होंने भाजपा के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।