Amethi Lok Sabha Seat: क्या के एल शर्मा के जरिए अपने गढ़ को बचा पाएगी कांग्रेस या फिर स्मृति ईरानी का चलेगा जादू

अनन्या मिश्रा     May 14, 2024
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Amethi Lok Sabha Seat: क्या के एल शर्मा के जरिए अपने गढ़ को बचा पाएगी कांग्रेस या फिर स्मृति ईरानी का चलेगा जादू

उत्तर प्रदेश की लोकसभा सीट में अमेठी लोकसभा सीट पर काफी कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है। यह यूपी की चर्चित लोकसभा सीटों में से एक है। भाजपा ने इस सीट से स्मृति ईरानी तो वहीं कांग्रेस ने अमेठी से के एल शर्मा पर दांव लगाया है।

उत्तर प्रदेश की लोकसभा सीट में अमेठी लोकसभा सीट पर काफी कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है। यह यूपी की चर्चित लोकसभा सीटों में से एक है। भाजपा ने इस सीट से स्मृति ईरानी तो वहीं कांग्रेस ने अमेठी से के एल शर्मा पर दांव लगाया है। वैसे तो इस सीट पर कांग्रेस की परंपरागत लोकसभा सीट कहा जाता है। लेकिन पिछले लोकसभा चुनाव में जिस तरह से कांग्रेस नेता राहुल गांधी को यहां से हार का सामना करना पड़ा, ऐसे में इस बार कुछ भी कह पाना मुश्किल दिख रहा है।


कांग्रेस प्रत्याशी के एल शर्मा

वहीं कांग्रेस प्रत्याशी की बात करें, तो पार्टी ने लंबी चर्चा और कई बैठकों के बाद अमेठी सीट पर किशोरी लाल शर्मा को उतारा है। शर्मा लंबे समय से कांग्रेस पार्टी के साथ जुड़े हैं और वह राजीव गांधी के समय से पार्टी के साथ काम कर रहे हैं। वहीं के एल शर्मा की इस क्षेत्र में काफी अच्छी पकड़ है। इसी वजह से कांग्रेस ने अमेठी सीट से उन पर भरोसा जताया है। बता दें कि अमेठी कांग्रेस की परंपरागत सीट मानी जाती है। चुनाव में गांधी परिवार का सदस्य ही अमेठी सीट का प्रतिनिधित्व करता आया है। लेकिन इस बार दशकों बाद अमेठी सीट से गांधी परिवार का कोई सदस्य चुनाव नहीं लड़ रहा है। ऐसे में यह देखना काफी दिलचस्प होगा कि क्या के एल शर्मा के जरिए कांग्रेस अपनी पारंपरिक सीट को बचाने में कामयाब हो पाएगी।


भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी

भारतीय जनता पार्टी ने अमेठी सीट से एक बार फिर स्मृति ईरानी पर भरोसा जताया है। बता दें कि साल 2019 के चुनाव में स्मृति ईरानी ने अमेठी सीट से जीत हासिल कर सभी को चौका दिय़ा था। स्मृति ईरानी ने अपने प्रतिद्वंद्वी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी को करारी शिकस्त दी थी। वह भाजपा की कद्दावर नेता और केंद्रीय मंत्री हैं। उन्होंने साल 2019 में राहुल गांधी को 55,120 वोटों के अंतर से हराया था। ऐसे में स्मृति ईरानी के सामने एक बार फिर अमेठी की राह कांग्रेस के लिए आसान नहीं होने वाली है।