असम सरकार ने असम लोक सेवा आयोग (एपीएससी) में ‘नौकरी के बदले नकदी’ घोटाले में संलिप्त कई अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। इस घोटाले में संलिप्त राज्य की लोक, पुलिस और संबद्ध सेवा के 21 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है। अधिकारियों द्वारा यह जानकारी दी गई है। बताया जा रहा है कि सस्पेंड किए गए 21 अधिकारियों में चार असम लोक सेवा (एएससी), तीन सहायक रोजगार अधिकारी, 11 असम पुलिस सेवा (एपीएस), सहकारी समितियों के दो सहायक रजिस्ट्रार और एक उत्पाद शुल्क निरीक्षक शामिल हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, पिछले सप्ताह इस मामले में एपीएस के दो अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया था। वहीं मामले की जांच कर रही असम पुलिस के विशेष दल के सामने अन्य को पेश होने का समन जारी किया गया है। कार्मिक विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक सस्पेंड किए गए अधिकारी 'एपीएससी द्वारा की गई विसंगतियों और कदाचार' के लाभार्थी होने के साथ ही उनकी लास्ट सारणी शीट में प्राप्त मूल रूप से अंको को बढ़ाकर नियुक्ति दी गई। इसी के आधार पर अंतिम रिजल्ट घोषित किया गया था।
बताया गया है कि इन अधिकारियों की भर्ती के लिए एपीएससी की सिफारिश ‘अवैध’ थी। जिस प्रोसेस के जरिए उन्होंने नौकरियां प्राप्त की थीं। वह भ्रष्टाचार, घोर कदाचार और नैतिक अधमता के समान है। चूंकि इन अधिकारियों में आपराधिक मामले की जांच चल रही है, ऐसे में यह अधिकारी अपने वर्तमान पद पर नहीं बने रह सकते हैं। क्योंकि इसके लिए सरकार भी शर्मिंदगी का कारण बन सकती है।
जारी अधिसूचना में कहा गया है कि मामले में संलिप्तता को देखते हुए अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया। साथ ही जिन साक्ष्यों के आधार पर अब सस्पेंड अधिकारी जांच का सामना कर रहे हैं। बता दें कि इसकी जानकारी एक सदस्यी न्यायमूर्ति बी.के शर्मा आयोग की ओर से दी गई थी।