बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 में होने वाले हैं। लेकिन बिहार में महागठबंधन में नए दलों की एंट्री के कारण राजद और कांग्रेस को अपनी सीटों को छोड़ना पड़ रहा है। इन छोड़ी गयीं 26 सीटों पर सहयोगी दलों को समायोजित किया जाएगा। विकासशील इंसान पार्टी (VIP), लोजपा (पारस गुट) और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) गठबंधन के नये सहयोगी हैं। 26 में से सबसे अधिक 14 सीटें VIP को देने की योजना है। भाकपा माले को पिछली बार से 8 अधिक सीटें अधिक यानी 27 सीटें मिल सकती हैं।
निषाद वोटरों पर सहनी की पकड़ सही है
वैसे तो मुकेश सहनी निषाद वोटों पर एकाधिकार की बात करते हैं, लेकिन सच्चाई में यह इसके काफी विपरीत है। साल 2020 में VIP ने एनडीए में रहकर 11 सीटों पर चुनाव लड़ा था। जो कि 4 पर जीत हासिल की थी। मुकेश सहनी इस दल के अध्यक्ष हैं। उनकी की जाति की संख्या भले कुछ भी हो, लेकिन उनका दल सांगठनिक रूप से मजबूत नहीं है।
एनडीए में रहने के बाद यूपी में उतारे 53 उम्मीदवार
2020 में मुकेश सहनी चुनाव हार गए थे बीजेपी की उदारता से मंत्री बने थे। जिसके बाद वह विधान परिषद में गए थे। इनका पार्षद कार्यकाल जुलाई 2022 तक था। इसके बाद सहनी ने 2021 में घोषणा की थी वे 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में अकेले लड़ेंगे। यूपी में सहनी ने 53 उम्मीदवार उतारे थे फिर भी हार गए थे। बीजेपी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुकेश सहनी को मंत्री पद से बर्खास्त करने मांग की थी। मार्च 2022 में सीएम ने मुकेश सहनी को मंत्रिपरिषद पद से बाहर का रास्ता दिखा दिया था।