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Lucknow Lok Sabha Seat: राजनाथ सिंह को घेरने के लिए सपा-बसपा पूरी तरह तैयार, 4 दशक से बीजपी जमा रही कब्जा

By LSChunav | May 17, 2024

इन दिनों देश में लोकसभा चुनाव अपने अंतिम दौर की ओर बढ़ रहा है। अब तक चार चरणों में 379 सीटों पर मतदान हो चुका है। वहीं अब 20 मई को पांचवे चरण का मतदान होना है। 20 मई को चौथे चरण के मतदान में एक ऐसी सीट मतदान होना है, जिसपर करीब चार दशक से भाजपा कब्जा है। उत्तर प्रदेश की सत्ता में लंबे समय तक रहने वाली दो प्रमुख पार्टियां समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी को भी आज तक इस सीट पर जीत हासिल नहीं हुई है। वहीं देश के पहले चुनाव से लेकर साल 1990 तक इस सीट पर बीजेपी का कब्जा रहा है। लेकिन बीजेपी ने एक बार फिर सीट पर जीत हासिल की तो जीत का यह सिलसिला आज तक जारी है।

यह सीट देश की सबसे प्रतिष्ठित लोकसभा सीट लखनऊ है। लखनऊ से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी पूरे पांच बार सांसद निर्वाचित हुए। वहीं लगातार यहां से बीजेपी जीत हासिल कर रही है। साल 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने शानदार जीत हासिल की थी। ऐसे में एक बार फिर पार्टी ने इस सीट से राजनाथ सिंह पर भरोसा जताया है। वहीं राजनाथ सिंह के खिलाफ सपा-कांग्रेस गठबंधन के नेता रविदार मेहरोत्रा चुनावी ताल ठोंक रहे हैं।

भाजपा प्रत्याशी राजनाथ सिंह
साल 2014 और 2019 में लखनऊ लोकसभा सीट से राजनाथ सिंह ने जीत हासिल की थी। साल 2019 में राजनाथ सिंह ने करीब 3.50 लाख वोटों से जीत हासिल की थी। वहीं तब राजनाथ सिंह ने सपा प्रत्याशी और अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा की पत्नी पूनम सिन्हा को करारी शिकस्त दी थी। 

सपा-कांग्रेस प्रत्याशी रविदार मेहरोत्रा
सपा ने इस सीट से लखनऊ मध्य के विधायक एवं पार्टी के कद्दावर नेता रविदास मेहरोत्रा को चुनावी रण में उतारा है। हालाँकि राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें, तो सपा-कांग्रेस और बसपा ने राजनाथ सिंह को घेरने की पूरी तैयारी की है। सपा ने बीजेपी के गढ़ में सेंध लगाने की जिम्मेदारी रविदास को सौंपी है। अब जीत का ऊंट किस करवट बैठेगा, यह तो मतगणना के बाद ही पता चलेगा।

बसपा प्रत्याशी सरवर अली
वहीं बहुजन समाज पार्टी ने इस सीट से सरवर अली को टिकट देकर मुकाबले को अधिक दिलचस्प बना दिया है। बता दें कि वह लखनऊ की उत्तरी सीट से विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। हालाँकि यह एक मुस्लिम बाहुल क्षेत्र है, लेकिन इसके बाद भी यहां से लंबे समय से बीजेपी ने जीत हासिल की है।
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