भारत के पूर्वी क्षेत्र में स्थित बिहार जनसंख्या के हिसाब से देश का तीसरा सबसे बड़ा राज्य है। राजनीतिक रूप से देख जाए तो यह राज्य हमेशा आगे की पंक्तियों में रहता है। कहते हैं केंद्र की राजनीति बिहार के बिना अधूरी है क्योंकि वहां की सत्ता निर्धारण यहीं से होता है। बिहार की राजधानी पटना है और यह राज्य पटना, तिरहुत, सारण, दरभंगा, कोशी, पूर्णिया, भागलपुर, मुंगेर तथा मगध प्रमंडल के अन्तर्गत बंटा हुआ है। राज्य में 38 जिले हैं जिन्हें 101 अनुमंडल, 534 प्रखंड अंचल और 8,471 पंचायत बांटा गया है।
ऐतिहासिक बिहार
ऐतिहासिक रूप से देखा जाए तो बिहार का इतिहास काफी समृद्ध रहा है। बिहार को पहले मगध के रूप में जाता जाता था जिसका सर्वप्रथम उल्लेख अथर्ववेद में मिलता है वहीं ऋग्वेद में बिहार को 'कीकट' कहा गया है। भारत के पौराणिक ग्रंथ रामायण और महाभारत में बिहार का खूब जिक्र मिलाता है। रामायण में मां सीता को मिथिला का बताया गया है और आज भी मिथिलांचल क्षेत्र भारत-नेपाल सीमा पर स्थित है। यहाँ की धरती पर ज्ञान, धर्म, अध्यात्म व सभ्यता-संस्कृति की ऐसी किरण प्रस्फुटित हुई जिसने भारत के साथ-साथ समस्त संसार को भी आलोकित किया। बिहार में ही भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्रप्ति हुई थी तो यहीं जैन धर्म के चौबीसवें तीर्थंकर भगवान महावीर का जन्म हुआ था। हड़प्पा संस्कृति में भी ओरियम (भागलपुर), राजगीर एवं वैशाली का जिक्र मिलता है। मौर्य राजवंश, गुप्त साम्राज्य या फिर सूरी वंश हो, यहां ही धरती इन सभी राजाओं के कर्मों की साक्षी रही है। यहीं से अशोक महान ने भारत विजय की थी और बौद्ध धर्म का प्रचार प्रसार किया था। नालंदा विश्वविद्यालय यहीं था जिसे विश्व का पहला उच्च कोटि का शैक्षणिक संस्थान होने का गौरव प्राप्त है। वैशाली की भूमि राजनीति के आचार्य चाणक्य और शून्य की खोज करने वाले आर्यभट की है। यह धरती राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सत्याग्रह आंदोलन की है तो यह धरती देश के प्रथम राष्ट्रपति और महान शिक्षाविद् डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद की है। आधुनिक राजनीति के लिहाज से बात करें तो जयप्रकाश नारायण यहीं से थे जिन्होंने छात्र आंदोलन के जरिए कांग्रेस की जड़ें हिला दी थीं।