हिन्दुस्तान के दिल से अलग हुए इस राज्य का इतिहास काफी रोचक है। 1 नवबंर सन् 2000 में देश के 26वें राज्य के तौर पर छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) को खुद की पहचान मिली। यहां की मुख्य भाषाओं में हिन्दी और छत्तीसगढ़ी काफी प्रचलित हुई।
इतिहास
ऐसा कहा जाता है कि छत्तीसगढ़ का नाम इसके 36 गढ़ों से मिलकर बना था। हालांकि बाद में इस क्षेत्र में गढ़ों की संख्या 36 से अधिक हो गई लेकिन इसके नाम का परिवर्तन नहीं हो सका। पहले यह छत्तीस कौशल का एक हिस्सा हुआ करता था लेकिन गढ़ों की संख्या में खुद को समाहित करके यह छत्तीसगढ़ बन गया।
पुरातन काल में छत्तीसगढ़ का विवरण बीहड़ वनों एवं महानदियों के आधार पर देखा जाता था। तभी तो इसका उल्लेख महर्षि वाल्मीकी द्वारा लिखी गई रामायण में देखने को मिलता है। कहानियों में इस बात का जिक्र है कि भगवान राम (Lord Ram) के काल में यहां के जंगलों में ऋषि-मुनि तपस्या करते थे एवं आश्रम बनाकर रहा करते थे। इतना ही नहीं जब भगवान राम को 14 साल का वनवास मिला था तो वह यहां आए भी थे।