दिल्ली ना सिर्फ देश की राजधानी बल्कि यह राजनीति का केंद्र भी है। इसलिए दिल्ली में विदेशी राजनयिक भी पहुंचते हैं। दिल्ली शहर कई बार उजड़ा भी और बसा भी, हुकूमतों ने इसे लूटा भी और फिर बसाया भी। लेकिन आज भी यह गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल बना हुआ है।
दिल्ली ना सिर्फ देश की राजधानी बल्कि यह राजनीति का केंद्र भी है। इसलिए दिल्ली में विदेशी राजनयिक भी पहुंचते हैं। बता दें कि महाभारत काल में दिल्ली को इंद्रप्रस्थ की राजधानी के रूप में जाना जाता था। बताया जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण और भगवान इंद्र की मदद से पांडवों ने इंद्रप्रस्थ नामक शहर बसाया था। जिसे वर्तमान समय में दिल्ली के नाम से जाना जाता है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक 12 दिसंबर 1911 को दिल्ली दरबार में दिल्ली को राजधानी बनाने की घोषणा की गई थी। फिर 13 फरवरी 1931 को औपचारिक रूप से दिल्ली देश की राजधानी बनी। इससे पहले देश की राजधानी कोलकाता था। दिल्ली शहर कई बार उजड़ा भी और बसा भी, हुकूमतों ने इसे लूटा भी और फिर बसाया भी। लेकिन आज भी यह गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल बना हुआ है।