यदि आप हिमाचल प्रदेश के इतिहास की बात करते हैं, तो इस प्रदेश का इतिहास उतना ही पुराना है। जितना की मानव अस्तित्व का इतिहास पुराना है। प्रदेश का इतिहास उस दौर में लेकर जाता है। जब सिंधु घाटी सभ्यता विकसित हुई। बता दें कि साल 1948 में सोलन में शिमला हिल्स स्टेट्स यूनियन सम्मेलन आयोजित किया गया था। तब इस प्रदेश के निर्माण की घोषणा की गई। हिमाचल को 'देवभूमि' भी कहा जाता है। वहीं इस प्रदेश का हिमाचल नाम रखने के पीछे भी काफी दिलचस्प वजह है। इस राज्य की खूबसूरती और बर्फीले ढलानों को ध्यान में रखते हुए इसका नाम हिमाचल प्रदेश रखा गया।
जातीय समीकरण
हिमाचल प्रदेश में 4 जातियों को सूची में संशोधित किया गया। इन चार जातियों में भाट या भट्टा, गद्दी, गोरखा और बटेहडा हैं। इसके अलावा यहां दागी, हाली, खासा, कोइली, धौग्री, दसा, किन्नर और किरात समुदाय के लोग निवास करते हैं। हिमाचल प्रदेश की साल 2023 की अनुमानित जनसंख्या 7,503,010 है। राज्य में पुरुषों की अनुमानित जनसंख्या 3,804,772 है और महिलाओं की अनुमानित जनसंख्या 3,698,238 है। राज्य में सिर्फ डेढ़ लाख की मुस्लिम आबादी है, जो कुल आबादी का 2.1 फीसदी है। प्रदेश में सबसे ज्यादा राजपूत और हिंदू आबादी है।