भारत का अभिन्न अंग जम्मू और कश्मीर देश के उत्तर में स्थित है। आतंकवाद की समस्या से दशकों से जूझ रहे इस राज्य में सरकारों की अस्थिरता भी एक बड़ी समस्या रही है। धारा 370 और अनुच्छेद 35-ए को जहाँ देश के अन्य भागों में विवादित माना जाता है वहीं जम्मू-कश्मीर के लोग उक्त धारा और अनुच्छेद से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं चाहते। जम्मू-कश्मीर के उत्तरी इलाके पर पाकिस्तान का अवैध कब्जा है जिसे पीओके के नाम से जाना जाता है। पाकिस्तान जहाँ पूरे जम्मू-कश्मीर को विवादित क्षेत्र मानता है वहीं भारतीय संसद ने एक प्रस्ताव पारित कर पूरे जम्मू-कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग माना है। जम्मू-कश्मीर की आधिकारिक भाषा उर्दू है और यही देश का एकमात्र राज्य है जिसका अपना एक अलग झंडा है और यहाँ की विधानसभा का कार्यकाल 6 वर्ष का होता है। जम्मू-कश्मीर ही एकमात्र ऐसा राज्य भी है जिसकी ग्रीष्मकालीन राजधानी अलग है और शीतकालीन राजधानी अलग है।
जम्मू-कश्मीर आध्यात्मिक और रोमांटिक पर्यटन का भी बड़ा केंद्र है। माता वैष्णों देवी के दर्शनों के लिए साल भर भक्तों की लंबी लंबी लाइनें लगी रहती हैं तो बाबा अमरनाथ के दर्शनों के समय पूरे देश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़ पड़ते हैं। कश्मीर घाटी की वादियां शुरू से ही हनीमूनर्स और फिल्म उद्योग से जुड़े लोगों को आकर्षित करती रही हैं। लेकिन समय-समय पर कश्मीर में होने वाली अशांति के चलते राज्य के पर्यटन उद्योग को बड़ा झटका भी लगता है। लद्दाख, कारगिल जैसे ऊँचाई वाले इलाके सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं तो सियाचिन इस मायने में महत्वपूर्ण है कि यह पूरे विश्व में सबसे ऊँचाई वाला ऐसा स्थान है जहाँ सदैव सेनाएं तैनात रहती हैं।