केरल को देश के सबसे प्रगतिशील राज्यों में से एक के रूप में जानते हैं। साल 1957 में लोकतांत्रिक ढंग से कम्युनिस्ट सरकार चुनने वाला दुनिया का पहला राज्य था। यह राज्य भारत के कुछ वाम-शासित राज्यों में से एक के रूप में मौजूद है। केरल साक्षरता दर में सबसे अधिक है। वहीं अन्य राज्य की तुलना में केरल में भूमि के सबसे अधिक न्यायसंगत वितरण का दावा करता है। केरल में महाभारत जैसे पुराने संस्कृत ग्रंथों में भी जगह मिलती है। केरल के स्वतंत्र विकास में निवासियों का प्रकृति प्रेम, आवास केन्द्रों का विकास आदि शामिल है। 1 नवंबर 1956 को केरल राज्य अस्तित्व में आया था। इससे पहले केरल को तीन स्वतंत्र प्रांतों मालाबार, कोचीन और त्रावणकोर में विभाजित किया गया था। तीन प्रांतों के मिलन से आधुनिक केरल का निर्माण हुआ
जातीय जनसंख्या
केरल में साल 2023 में अनुमानित जनसंख्या 34,698,876 है। जिसमें पुरुषों की अनुमानित जनसंख्या 16,650,132 है और महिलाओं की अनुमानित जनसंख्या 18,048,743 है। केरल की कुल आबादी का 54.7 प्रतिशत भाग ही हिन्दू हैं जबकि 26.6 फीसदी मुस्लिम और 18.4 प्रतिशत ईसाई हैं। इसके अलावा यहूदी, बौद्ध और जैन भी हैं। केरल का जनसंख्या के आधार पर सबसे बड़ा शहर तिरुवनंतपुरम है। केरल 38,863 किलोमीटर में फैला है। जो क्षेत्रफल के हिसाब से तेइसवां सबसे बड़ा भारतीय राज्य है।