मणिपुर एक ऐसा राज्य रहा है, जहां हिंसा का एक लंबा इतिहास रहा है। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जापानी सैनिकों ने लगातार 2 साल तक बमबारी की थी। वहीं 60 के दशक में मैतेई समुदाय ने राज्य में काफी बड़ा विद्रोह किया था। मैतेई समुदाय का उस दौरान यह दावा रहा था कि साल 1949 में भारत ने धोखे से मणिपुर को शामिल किया था। अंग्रेजों के शासन के समय मणिपुर एक रियासत हुआ करती थी। साल 1947 में भारत के आजाद होने के बाद राज्य के महाराजा को कार्यकारी प्रमुख बनाते हुए लोकतांत्रिक सरकार का गठन किया गया। वहीं साल 1949 में भारत में मणिपुर का विलय़ कर दिया गया। वहीं 21 जनवरी 1972 को मणिपुर को पूर्ण राज्य का दर्जा दे दिया गया। 17वीं सदी में मणिपुर पूर्वोत्तर के सबसे ताकतवर राज्यों में शामिल था। मणिपुर 22,327 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है।
जातीय समीकरण
मणिपुर में मुख्य रूप से तीन समुदाय के लोग रहते हैं। जिनमें पहला मैतेई, दूसरा नागा और तीसरा कुकी समुदाय है। जहां नागा और कुकी आदिवासी समुदाय से हैं। तो वहीं मैतेई गैर आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं और यह हिंदू हैं। इसके साथ ही नागा और कुकी समुदाय से आने वाले अधिकतर लोग ईसाई हैं। राज्य में नागा और कुकी को अनुसूचित जनजाति का दर्जा हासिल है। इन तीनों के अलावा मणिपुर में मुस्लिम आबादी भी है।...