जनसंख्या के आधार पर हिन्दुस्तान का सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश है। लखनऊ को प्रदेश की प्रशासनिक एवं प्रयागराज को न्यायिक राजधानी का दर्जा प्राप्त है। बता दें कि उत्तर प्रदेश में 75 जिले, 18 मंडल एवं 350 तहसीलें है।
पहले उत्तर प्रदेश के विधानमंडन में 250 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था थी लेकिन संख्या बढ़ने के बाद 1935 में दो सदनों में बदल गया। जिसके बाद 1937 में विधान परिषद का निर्माण हुआ। हालांकि उत्तर प्रदेश का विधानभवन 6 साल में बना था और 21 फरवरी, 1958 में इसका निर्माण हुआ। लोकसभा से भी ज्यादा आकर्षित दिखने वाले विधानसभा ने देश की राजनीति को दमदार नेता दिए।
राजनीतिक इतिहास
विश्व की सबसे बड़ी विधानसभा में से एक उत्तर प्रदेश की विधानसभा ने देश को 9 प्रधानमंत्री दिए तथा यहां से निकले हुए तमाम नेताओं ने देशभर में ख्यातियां बटोरी। लाल बहादुर शास्त्री, चौधरी चरण सिंह और विश्वनाथ प्रताप सिंह, नौ प्रधानमंत्रियों में से थे जो उत्तर प्रदेश की राजनीति से निकले थे। आज के दौर में चौधरी चरण सिंह की राजनीति को आगे बढ़ाने में लगे हुए जयंत चौधरी ने बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती एवं समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश के साथ गठबंधन कर लिया है। किसानों के प्रिय माने जाने वाले जयंत चौधरी को गठबंधन का हिस्सा बनने पर महज 3 सीटों से ही काम चलाना पड़ रहा है। जबकि मायावती ने खुद के 38 तो समाजवादी पार्टी को 37 सीटें मैदान में उतरने के लिए दी है।